खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शनिवार को अवैध मदरसे के ढहाए जाने के बाद शहर में हुए बबाल एवं आगजनी की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देते हुए इसकी जिम्मेदारी कुमाऊं कमिश्नर आईएएस अफसर दीपक रावत को दी गई है। जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। इसके साथ ही शहर के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन अंदरुनी और संवेदनशील हिस्सों अभी भी कर्फ्यू जारी रहेगा।
नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए शहर में इंटरनेट सेवाएं बन्द की गई थी। इस हिंसा के संबंध में अब तक तीन केस दर्ज किए गए हैं। पांच लोगों को गिरफ्तार करते हुए अब्दुल मलिक नाम के एक आरोपी की तलाश शुरू कर दी है, जिसने अब ढहाए गए अवैध ढांचे का निर्माण किया था। दंगाईयों की पहचान की कोशिश की जा रही है। इसके लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप का विश्लेषण कर रही है। पुलिस फायरिंग में किसी की मौत नहीं हुई और पोस्टमॉर्टम से उनकी मौत की परिस्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि उग्र और हिंसा पर उतारु भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद पुलिस ने गोलीबारी की थी। “गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई क्योंकि हमने पूरे इलाके की तलाशी ली थी और कोई शव नहीं मिला था। शव अगले दिन अस्पतालों में पाए गए। पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई है। इसके साथ ही एक आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू अब पूरे बनभूलपुरा क्षेत्र तक सीमित कर दिया गया है, जिसमें सेना छावनी (वर्कशॉप लाइन सहित) तिकोनिया-तीनपानी और गौलापार बाईपास की परिधि के भीतर का क्षेत्र भी शामिल है।