खबर सच है संवाददाता
ऋषिकेश। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शटरिंग पलटने से हुए हादसे के मामले में पुलिस ने पुल का निर्माण कार्य कर रही आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और सहायक इंजीनियर को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस की ओर से मामले में अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
बताते चले कि जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से सात किलोमीटर दूर नरकोटा में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल वेदर रोड के तहत 65 करोड़ की लागत से डबल लेन मोटरपुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। बुधवार की सुबह लगभग नौ बजे जब मजदूर पुल पर कार्य कर रहे थे तब इसी दौरान ऊपर से लोहे की शटरिंग गिरने से मजदूर दब गए। आठ मजदूरों को शीघ्र निकालकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया जबकि दो मजदूर शटरिंग के नीचे फंस गए। काफी मशक्कत के बाद कटर मशीन से शटरिंग को काटकर दोनों मजदूरों को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। वहीं, गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों को जिला चिकित्सालय से ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने यह कहा
प्रशासन और पुलिस की ओर से पूरे घटनाक्रम की अब तक की जांच पाया गया कि मजदूर बिना सुरक्षा के पुल का कार्य कर रहे थे, साथ ही कंपनी का कोई भी इंजीनियर मौके पर मौजूद नहीं था। अगर मजदूर हेलमेट पहने होते तो उनकी जान बच सकती थी। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा, मामले में आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्योति प्रकाश शर्मा पुत्र हंसराज शर्मा निवासी हिमांचल प्रदेश हाल पता प्रोजेक्ट मैनेजर आरसीसी कंपनी नरकोटा रुद्रप्रयाग और कंपनी के सहायक अभियंता मुकेश गुप्ता पुत्र चंद्र सेन गुप्ता निवासी विकासनगर देहरादून हाल पता ब्रिज इंजीनियर आरसीसी कंपनी नरकोटा के खिलाफ मृत मजदूरों के परिजनों की तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 304, 323, 325 और 120 बी के तहत लापरवाही बरतने पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है और दोनों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।