खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने कहा है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश के निधन के दो साल बाद भी प्रदेश की सत्तारूढ भाजपा सरकार उनके सपनों को साकार नहीं कर पाई। रिंग, आईएसबीटी, स्टेडियम, जून जैसी स्वीकृत योजनाएं ठंडे बस्ते में डाल दी गई। अब मुख्यमंत्री भी विपक्षी विधायकों को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
नैनीताल रोड स्थित होटल में पत्रकार वार्ता करते हुए शहर विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि कल पूर्व काबीना मंत्री स्व. डा. इंदिरा हृदयेश की दूसरी पुण्य तिथि है। उन्होंने कहा कि दो साल गुजरनेषके बाद भी इंदिरा हृदयेश के सपने पूरे नहीं हो पाए हैं। आईएसबीटी, अंर्तराष्ट्रीय खेल मैदान और जू की सभी योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। धामी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप प्रदेश के विकास में पिछड़ चुकी है। इस दरमियान कांग्रेस ने जन भावनाओं के अनुरूप मजबूत और दमदार विपक्ष की भूमिका निभाई है। शहर विधयक ने कहा कि इंदिरा हृदयेश ने सबका साथ, सबका विकास के नारे को धरातल पर उतारा था। भाजपा ने केवल लोगों को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद पंडित नारायण दत्त तिवारी की सरकार में हल्द्वानी का चहुंमुखी विकास हुआ। लेकिन वर्तमान सरकार विकास की तमाम योजनाओं को धरातल पर लागू कराने में नाकाम रही। सुमित हृदयेश ने कहा कि वे हल्द्वानी में ओवरब्रिज का भरपूर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रतिपक्ष के विधायकों के साथ भेदभाव कर रही है। उनको सीएम से मिलने का समय नहीं मिल रहा है। एक दौर था, जब पंडित नारायण दत्त तिवारी पहले विपक्ष के विधायकों की समस्याएं सुनते थे। सीएम जब भी हल्द्वानी विधनसभा की समीक्षा बैठक करेंगे, उस दिन वे अपनी पीड़ा से सीएम को अवगत कराएंगे। विधायक ने यह भी कहा कि हल्द्वानी के विकास में पंडित गोविंद वल्लभ पंत, पंडित नारायण दत्त तिवारी और उसके बाद डा. इंदिरा हृदयेश का नाम आता है। लेकिन गूगल में हल्द्वानी की पहचान दीनदयाल उपाध्याय चौराहे से हो रही है। उन्होने कहा कि स्व. इंदिरा हृदयेश की दूसरी पुण्यतिथि पर उन्होने कई लोगों को आमंत्रित किया है। इसमें भाजपा के नेता भी शामिल हैं। विधायक ने कैंचीधम के लिए जाम पर भी चिंता जताई। कहा कि वहां आने वाला पर्यटक जाम का संदेश लेकर वापस लौट रहा है। प्रशासन आज तक इस जाम से छुटकारा पाने का उपाय नहीं खोज पाया है। इस मौके पर हेमंत बगडवाल, एनवी गुणवंत, गोविंद सिंह बगडवाल मुकुल बल्यूटिया समेत तमाम नेता मौजूद थे।