खबर सच है संवाददाता
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को हल्द्वानी में सिंचाई नहरों में हुए अतिक्रमण के मामले में केनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के तहत नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश सिंचाई विभाग को दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार भगवानपुर हल्द्वानी निवासी कृषक रघुवीर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर सिंचाई नहरों में अतिक्रमण होने व अतिक्रमण हटाने से पूर्व उप जिलाधिकारी की पीपी एक्ट में बेदखली की सुनवाई में लंबा समय लगने की बात कहते हुए गुलों को सुचारू करने की प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि एसडीएम की व्यस्तता के कारण गुलों में अतिक्रमण होने व गुल बन्द होने के मामले लटके हुए हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर एक संयुक्त निरीक्षण हुआ था जिसमें कहा गया था कि भगवानपुर में गुल तथा कैनाल को कहीं बंद कर दिया गया है कहीं उसका रास्ता बदल दिया गया है और कहीं उस पर अतिक्रमण कर लिया गया है। गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि नॉर्दन इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के तहत सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को सीधे अतिक्रमण हटाने की शक्ति मिली है उसके तहत भगवानपुर क्षेत्र में कार्यवाही की जानी चाहिए। इससे वो गूल को दोबारा स्थापित कर पानी शुरू करा सकते हैं कहा कि इस शक्ति से कर्मचारी अतिक्रमण को भी तत्काल तोड़ या हटा सकते हैं। न्यायालय ने पब्लिक प्रेमिसिस पीपी एक्ट में कार्यवाही कर मामलों को लटकाने पर नाराजगी जताई है। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उनके आदेशों का इंतजार किये बगैर संबंधित क्षेत्र की गूलों से अतिक्रमण हटाया जाए।