खबर सच है संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड में धामी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश की आबकारी नीति को सरकार ने मंजूरी दे दी है। पिछली बार के हुए शराब की दुकानों के ठेकों की अवधि को एक किस्म से आगे बढ़ा दिया गया है। 15 फीसद की अधिभार बढ़ोत्तरी के साथ दुकान स्वामी अपनी दुकानों को रख सकते हैं। जो दुकाने नहीं उठेंगी, उसकी ही लॉटरी की जाएगी। तय किया गया है कि रेगुलर ब्रांड में यूपी से 20 रूपए का अंतर नहीं होगा। इसके अलावा प्रति बोतल में तीन रुपये अतिरिक्त लिए जाएंगे। इस राशि को महिला कल्याण, गोवंस संरक्षण और खेल कूद कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा। एमआरपी से अधिक बेचने पर दुकानों पर सस्पेंशन की कार्यवाही की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति में तस्करी रोकने राजस्व बढ़ाने पर्यटन की दृष्टि से कई अहम बदलाव किए है। जबकि कई सामाजिक सरोकारों को भी नई नीति से जोड़ा है नई आबकारी नीति में अतिरित शुल्क प्रति बोतल 3 रुपए बढ़ाया गया है 1 रुपए महिला कल्याण के लिए, 1 रुपए गो सेवा, 1 रूपए युवा कल्याण के लिए लगाया गया है। अंग्रेजी देशी मदिरा की कीमतों को पड़ोसी राज्य के समतुल्य किया गया है इससे तस्करी रोकने के साथ ही कीमत नियंत्रित होगी। देशी-विदेशी शराब के दाम लगभग 100 से 300 रुपये तक सस्ते हो जाएंगे। शराब में उत्तर प्रदेश से होने वाली तस्करी की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की शराब की कीमतों के 150 से 200 रुपए के अंतर को कम कर ₹ 20 किया गया है। ताकि शराब तस्करी पर पाबंदी लगाई जा सके। एवं राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। वर्ष 2023- 24 के लिए आबकारी राजस्व लक्ष्य को 4000 करोड़ रखा गया है। देशी मदिरा के पव्वे कांच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेगा ताकि मिलावट रोकी जा सके। डिपार्टमेंटल स्टोर का लाइसेंस अब पहाड़ों में 8 लाख रुपए और मैदानी जिलों में 8 से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी गई है। इसके जरिए राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। नई आबकारी नीति में बार रेस्टोरेंट के शुल्क में कोई इजाफा नही किया गया है ये निकटवर्ती शराब ठेके से ही ले सकेंगे। समुद्र आयतित मदिरा की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है। राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने जिले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे इससे डिपार्टमेंटल स्टोर की मनमानी पर लगाम लग सकेगी।दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकान का जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।