त्याग,परोपकार, संयम, दृढ़ता निरभिमानता के प्रतीक हैं भगवान शंकर – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु 

ख़बर शेयर करें -

 

खबर सच है संवाददाता

गढीनेगी। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर एवं विश्व विख्यात संत श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ श्री हरि कृपा धाम आश्रम में भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि थोड़ी सी विषमता होने पर घर परिवार व समाज में अशांति पैदा हो जाती है, लेकिन भगवान शंकर तो इतनी विविधताओं, विषमताओं यहाँ तक कि एक दूसरे के स्वभाविक शत्रुओं को समेट कर बैठे हैं। इन विविधताओं व विषमताओं के बावजूद उनके परिवार में आपसी प्रेम और सदभाव बरक़रार रहता है। इतनी सामर्थ्य व शक्ति होते हुए भी उसका दुरपयोग नहीं करते अपने मस्तिष्क को ठंडा रखते हैं। भगवान शंकर सिर पर गंगा व चंद्रमा धारण किये हुए हैं जो शीतलता के प्रतीक हैं। शिव राम का नाम जपते हैं राम शिव का नाम जपते हैं। कितनी महानता लेकिन फिर भी निरभिमानता। दूसरों को सम्मान देना यह सब भी तो सीखो, तभी तो बनेंगे शिव के सच्चे भक्त। 

उन्होंने कहा कि राम का भक्त यदि माँ बाप का निरादर करें, उनकी आज्ञापालन न करें, संत, गुरु व ब्राह्मण का निरादर करे, भाई भाई से लड़े, कर्तव्य व मर्यादा का पालन न करें, मात्र अधिकार के लिए ही लड़ता रहे,  अधर्म का साथ दे, लोगों से घृणा करें, अभिमान में ही अकड़ा फिरे तो कैसा राम भक्त है ?  विचार करें।  हम सभी अपने महापुरुषों, तीर्थों,  शास्त्रों व परमात्मा के विभिन्न अवतारों से प्राप्त होने वाले शिक्षाओं, प्रेरणाओं, उपदेशों को मात्र अपनी कमियों को छुपाने के लिए ढाल ही न बनायें बल्कि अपने जीवन में उतारकर कल्याणमय मार्ग पर आगे बढ़ें और मानव जीवन की सार्थकता मात्र पशु तुल्य अपने तक ही सीमित रहने में नहीं अपितु किसी के काम आने में है। ईश्वर कृपा से प्राप्त धन, बल, पद, सामर्थ्य प्राप्त आदि का भोग या उपयोग ही नहीं बल्कि सदुपयोग करना चाहिए। पाँच कर्म इन्द्रियां व पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ इन दसों इंद्रियों को चाहे सांसारिक कर्तव्यों के पालन में लगाएं लेकिन एक मन को जो कि परमात्मा की ही अमानत है उसे उसके सिमरन भजन में लगाना चाहिए। संग का भी जीवन में सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। संग अच्छा करना चाहिए, भोजन भी सात्विक, संयमित, संतुलित ही ग्रहण करना चाहिए।

अपने दिव्य प्रवचनों में उन्होंने कहा कि संत रूपी बादलों द्वारा जो सत्संग रुपी वर्षा होती है।  उसमें अपने मन की कलुषता व विकारों को धोकर मन को पावन बनाना है। जैसे बादलों को देखकर मोर व पपीहा मगन हो नृत्य करने लगते हैं, तथा पीहू पीहू की धुनि लगाने लगते हैं। ऐसे ही संत व भक्तों को देखकर हमारा मन मयूर भी यदि नाचने न लग जाए, सत्संग की वर्षा में हम मन को पावन न करें तथा अपने पिया (परमात्मा) को याद न करने लगे तो इसे दुर्भाग्य ही समझना चाहिए। जगत की यथासंभव व यथासामर्थ्य सेवा एवं परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। 

महाराज जी के दिव्य व ओजस्वी प्रवचनों से सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा। तथा सभी मंत्र मुग्ध होकर  “हरि बोल” की धुन में झूम उठे। अपने धाराप्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध व भाव विभोर कर दिया। सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा व ”श्रीगुरु महाराज”, “कामां के कन्हैया” व  “लाठी वाले भैया“ की जय जयकार से गूंज उठा। प्रातः 8 बजे श्री महाराज जी ने श्री हरेश्वर महादेव का महाभिषेक विश्व शांति एंव भारत की समृद्धि व ख़ुशहाली की कामना से किया। प्रातः 8:30 बजे राम चरित मानस पाठ सम्पूर्ण किया गया। उसके बाद भजन, कीर्तन व श्री महाराज जी के दिव्य प्रवचन हुए तथा दोपहर 1 बजे से विशाल भण्डारे की व्यवस्था की गई जिसमें हज़ारों हज़ारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। रात्रि 12 बजे से ही श्री हरेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने के लिए लंबी क़तारें लगनी शुरू हो गई थी। हज़ारों श्रद्धालुओं के साथ साथ कांवड़ियों ने भी हरिद्वार से गंगा जल लाकर श्री हरेश्वर महादेव पर गंगा जल चढ़ाया। 

महाशिवरात्रि महोत्सव एंव विराट धर्म सम्मेलन में हज़ारों भक्तों के साथ साथ केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, राज्यमंत्री ज्योति शाह मिश्रा, विधायक हल्द्वानी सुमित ह्रदयेश, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जसपुर शेलेन्द्र मोहन सिंघल, विधायक काशीपुर त्रिलोक सिंह चीमा व पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा व अन्य अनेक कांग्रेस व बीजेपी के नेता, अधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 हमारे समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 हमसे फेसबुक पर जुड़ने के लिए पेज़ को लाइक करें

👉 ख़बर सच है से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 हमारे पोर्टल में विज्ञापन एवं समाचार के लिए कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें या +91 97195 66787 पर संपर्क करें।

TAGS: Gadinegi news Lord Shankar is the symbol of sacrifice-charity-restraint-perseverance and shamelessness - Sri Hari Chaitanya Mahaprabhu Swami hari chaitanya mahaprabhu Uttrakhand news

More Stories

उत्तराखण्ड

विज्ञान और मानव: एक अद्वितीय सम्बन्ध- डॉ भारत पाण्डे

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें -विज्ञान और मानव: एक अद्वितीय सम्बन्ध -डॉ भारत पाण्डे  खबर सच है संवाददाता  विज्ञान और मानव के बीच एक अद्वितीय सम्बन्ध है। मानव अपनी सृजनशीलता और विचारशक्ति के माध्यम से विज्ञान की प्रगति को बढ़ावा देता है, और विज्ञान मानव को नए आविष्कारों और तकनीकी उन्नति का लाभ देता है। इसलिए, विज्ञान […]

Read More
उत्तराखण्ड

मधुमक्खियों के  हमले से घायल बाइक सवार युवक की उपचार के दौरान हुई मौत  

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –  खबर सच है संवाददाता    काशीपुर। चैती मंदिर जा रहे बाइक सवार युवक पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में उसको सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।   मोहल्ला कटरामालियान निवासी रोहित […]

Read More
उत्तराखण्ड

पूर्व विधायक व वर्तमान में राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी का हुआ निधन  

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें – खबर सच है संवाददाता  देहरादून। चंपावत के पूर्व विधायक और वर्तमान में राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी का अस्वस्थता के चलते आज निधन हो गया। कैलाश गहतोड़ी ने आज मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में अंतिम सांस ली। बताते चलें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने […]

Read More