खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला कॉलेज हल्द्वानी में सोमवार (आज) हिंदी विभाग के तत्वाधान में भारत के उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा प्रेमचंद के साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
जयंती समारोह के दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर शशि पुरोहित द्वारा हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर प्रेमचंद के साहित्य को विस्तार से पढ़ने हेतु छात्राओं को प्रेरित किया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी डॉक्टर गीता पंत द्वारा प्रेमचंद के कथा साहित्य पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि प्रेमचंद भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी डॉक्टर प्रभा शाह ने कहा कि बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में जब हिन्दी में काम करने की तकनीकी सुविधाएं नहीं थीं फिर भी इतना काम करने वाला लेखक उनके सिवा कोई दूसरा नहीं हुआ। विभाग प्रभारी डॉक्टर नीता शाह द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षको एवं छात्राओं का धन्यवाद भी का धन्यवाद करने के साथ ही कहा कि प्रेमचंद की रचना-दृष्टि, विभिन्न साहित्य रूपों में, अभिव्यक्त हुई। वह बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे। प्रेमचंद की रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया। उनकी कृतियां भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कृतियां हैं। अपनी कहानियों से प्रेमचंद मानव-स्वभाव की आधारभूत महत्ता पर बल देते हैं।