शहर में पहुंचने पर हुआ श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का भव्य व अभूतपूर्व स्वागत, कामां के कन्हैया व लाठी वाले भैय्या की जय जयकार से गूंज उठा सारा वातावरण 

ख़बर शेयर करें -
 
 
खबर सच है संवाददाता 
 
किच्छा। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज का आज यहां पहुंचने पर पूर्ण धार्मिक रीति रिवाज से पुष्प मालाएं पहनाकर आरती उतारकर व पुष्पवृष्टि करके” श्री गुरु महाराज” “कामां के कन्हैया” व “लाठी वाले भैय्या” की जय जयकार से भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया। बैंड-बाजे, ढोल, नाचती गाती कीर्तन मण्डलियों के साथ हरि नाम की धूम मच गयी।
 
महाराज श्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे इस पवित्र भारत देश में भी अनाचार, अत्याचार, भ्रष्टाचार, घृणा व विद्वेष का वातावरण बनता जा रहा है। अधिक से अधिक भौतिक सुख सुविधाओं को प्राप्त करना लोगों ने जीवन का परम लक्ष्य बना लिया है। मानवता, नैतिकता व चरित्र का निरंतर हास्य हो रहा है जो चिंता का विषय है। धर्म व अध्यात्म या परमात्मा की शरण ही हमें इस स्थिति से उभार सकती है। जो मनुष्य प्रभु से विमुख होकर सांसारिक प्रलोभनों मे फंस जाता है उसे क्षणिक आनंद तो मिल जाता है किंतु वह अपने जीवन की वास्तविक सुख शांति को सदैव के लिए नष्ट कर देता है। राम, रहीम, नानक, बुद्ध, महावीर,का यह देश इस समय गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। हमें सकीर्णताओं के दायरे से उठकर राष्ट्रीय हित व समाज हित में प्रयास करना चाहिए। ऊंच-नीच को तथा भेदभाव को अनुचित बताते हुए कहा कि सभी लोगों को मिल जुलकर रहना चाहिए। क्योंकि दुनिया में सभी धर्म सही दिशा देते हैं। वाणी से असत्य भाषण ना हो मन कुमार्ग पर न जाए। इंद्रिय विषयों में प्रवृत्त ना हो इसका एकमात्र उपाय है कि भगवान को उत्कंठा पूर्वक हृदय में धारण कर लिया जाए। चित्त को सब प्रकार से उन सुरेश्वर प्रभु में ही लगाये रखाजाय, जब यह जीव भगवान की शरण नहीं जाता भगवान का नहीं हो जाता तभी तक राग, द्वेष आदि चोर पीछे लगे हुए हैं। तभी तक घर  कारागार की तरह बाँधे हुए हैं और तभी तक मोह की बेडियाँ पैरों में पडी हैं।
  
उन्होंने अपने दिव्य प्रवचनों में कहा कि जो अपनी संपूर्ण कामनाओं पर विजय प्राप्त कर लेता है वह सदा के लिए सुखी हो जाता है। क्योंकि कामनाएं दुख और बंधन की हेतू है। उन्होंने कहा कि मात्र कर्म करते हुए भी हम जीवन तो व्यतीत कर सकते हैं परंतु जीवन में वांछित शाश्वत सुख व आनंद प्राप्त नहीं कर सकते। अत: कोई भी कार्य करने से पूर्व विचार करें तथा परमात्मा का हृदय से स्मरण करते हुए कर्म करें। संतो, शास्त्रों व अवतारों को मात्र अपनी कमियां छुपाने की ढाल ही ना बनायें उनसे प्रेरणाऐ, शिक्षाऐ व उपदेश भी ग्रहण करके अपने जीवन में उतार कर जीवन को दैवत्व परिपूर्ण बनाये। ईश्वर व परमात्मा को सदैव याद रखो। असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृतत्व की ओर आगे बढ़ें। परमात्मा हमारी वस्तु, पदार्थ ,धन इत्यादि के नहीं अपितु प्रेम व भावनाओं के भूखे हैं। धन तो आवश्यक हो सकता है परंतु सब कुछ नहीं मूर्खतावश आज लोगों ने धर्म ईमान रिश्ते संम्बन्ध राष्ट्र व भगवान से भी बढ़कर धन को महत्व दे दिया है। जीवन में बोलने व्यवहार करने व खर्च करने इत्यादिक के संबंध में हमेशा इतना ध्यान रहे कि ना तो कंजूस बनो तथा न ही उडाऊ बनो। कंजूस आवश्यक भी खर्च नही करता तथा उडाऊ अनावश्यक भी खर्च करता है। आवश्यकता हो तो चाहे जितना खर्च करो अन्यथा अनावश्यक एक पैसा भी खर्च नही करना चाहिए। मितव्ययिता को अपनाना कंजूसी नही है। धन से अधिक गुणों के संग्रह पर ध्यान देना चाहिए कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए कि संसार में लोग हमें याद ही नहीं बलिक अच्छाई से सदैव याद रखें। बहुत से लोग मरकर भी जिंदा रहते हैं तथा बहुत से जीवित भी मृतक तुल्य जीवन जीते हैं। किसी का तिरस्कार ना करें जो भी देखे, सुने या पढ़े उस पर विचार करें। किसी को भी नुकीले व्यंग्य बाण न चुभाए अर्थात ऐसा कुछ भी ना बोले जिससे किसी से आत्म सम्मान को ठेस पहुंचे किसी का दिल दुखे या प्रेम एकता सदभाव नष्ट हो जाए। अशांति हो जाए क्लेश या वैमनस्य पैदा हो जाये हमारे हृदय उदार व विशाल होने चाहिए ।आज मनुष्य का मस्तिष्क विशाल तथा हृदय सिकुड़ता चला जा रहा है अकड़ या अभिमान नहीं होना चाहिए। दुश्मन को हराने वाले से भी महान वह है जो उन्हें अपना बना ले। उन्होंने कहा कि स्वयं जागो व औरों को जगाओ अपने कल्याण के साथ औरों के कल्याण के भागीदार बनो। उठो, जागो, कठिनाइयों, बाधाओं व परीक्षाओं से न घबराकर निरंतर तब तक चलते रहो जब तक तुम्हें तुम्हारा लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। लक्ष्य विहीन मानव का जीवन घड़ी के पैण्डुलम की भांति है जो हिलता डुलता है परंतु एक कदम भी आगे नहीं बढ़ता है। अपने धारा प्रवाह प्रवचनओं से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्र मुग्ध व भाव विभोर कर दिया सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा व श्री गुरु महाराज कामां के कन्हैया व लाठी वाले भैय्या की जय जयकार से गूँज उठा स्थानीय क्षेत्रीय व दूरदराज से काफी संख्या में भक्त जन पहुंचे । 
 
इससे पूर्व महाराज श्री ने अखंड मानस पाठ का शुभारंभ किया जिसका कल महाराज श्री द्वारा परायण किया जाएगा व विशाल भंडारे का आयोजन भी होगा 11:00 बजे से 1:00 बजे तक महाराज श्री के दिव्य ओजस्वी प्रवचन होंगे।
यह भी पढ़ें 👉  यूपीसीएल ने नई विद्युत दरों के टैरिफ प्रस्ताव पर 15 फरवरी तक मांगे सुझाव  

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 हमारे समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 हमसे फेसबुक पर जुड़ने के लिए पेज़ को लाइक करें

👉 ख़बर सच है से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 हमारे पोर्टल में विज्ञापन एवं समाचार के लिए कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें या +91 97195 66787 पर संपर्क करें।

TAGS: Kamaan's Kanhaiya and lathiwala bhaiya On reaching the city Religious News Sri Hari Chaitanya Mahaprabhu Grand and unprecedented welcome Sri Hari Chaitanya Mahaprabhu received a grand and unprecedented welcome the whole atmosphere echoed with the cheers of Kaman's Kanhaiya and lathi wala bhaiya udham singh nagar news uttarakhand news

More Stories

Nagaland शिक्षा-आध्यात्म

वह व्यवहार औरों से ना करें जो तुम्हें अपने लिए अच्छा नहीं लगता – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु  

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –      खबर सच है संवाददाता    गढीनेगी। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एंव विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ श्री हरि कृपा धाम आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा  कि ईश्वर ही सत्य है। समस्त संसार मिथ्या है। […]

Read More
Nagaland शिक्षा-आध्यात्म

जब, जहां, जैसे व जितनी हो सके सेवा करें – श्री हरि चैतन्य महाप्रभु  

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –      खबर सच है संवाददाता    गढीनेगी। प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एंव विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ श्री हरि कृपा धाम आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा धर्म इतना सरल नहीं है जितना हमने […]

Read More
शिक्षा-आध्यात्म

श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब का ऋण हम कभी उतार नहीं सकते- श्री हरि चैतन्य महाप्रभु  

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –      खबर सच है संवाददाता    जसपुर। विश्व विख्यात संत श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने आज दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वस्वदानी हिन्द की चादर श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब […]

Read More