खबर सच है संवाददाता
देहरादून। मूल निवास और सशक्त भूकानून की तेज होती मांग के बीच राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने तय किया है कि राज्य से बाहर के व्यक्ति कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से फिलहाल भूमि नहीं खरीद पाएंगे। सरकार ने जिलाधिकारियों को इस तरह के प्रस्ताव को अनुमति न देने के आदेश जारी किए हैं। भूकानून का प्रारूप तय करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। तब तक के लिए यह रोक अग्रिम आदेश तक जारी रहेगी।
उत्तराखंड में सशक्त भूकानून को लेकर कसरत में जुटी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कृषि एवं उद्यान के लिए अन्य राज्यों के लोग फिलहाल उत्तराखंड में भूमि नहीं खरीद पाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तय किया गया है कि बाहरी व्यक्तियों के भूमि क्रय से संबंधित ऐसे प्रस्तावों पर जिलाधिकारी अग्रिम आदेशों तक कोई निर्णय नहीं लेंगे। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पूर्व में यह निर्देश भी दे चुके हैं कि अन्य राज्यों से उत्तराखंड में भूमि खरीद के दृष्टिगत क्रेता व विक्रेता का सत्यापन कराया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को अपने आवास में भू कानून के सिलसिले में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि भू कानून का प्रारूप तय करने के लिए गठित समिति बड़े पैमाने पर जनसुनवाई करने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों और विशेषज्ञों की राय भी लेना सुनिश्चित करे। भू कानून की विकेंद्रीकृत व्यवस्था के लिए गढ़वाल व कुमाऊं के मंडलायुक्तों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसी बैठक में बताया गया कि उप्र जमींदारी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 154 में वर्ष 2004 में किए गए संशोधन के अनुसार ऐसे व्यक्ति, जो उत्तराखंड में 12 सितंबर 2003 से पूर्व अचल संपत्ति के धारक नहीं हैं, उन्हें कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय की डीएम द्वारा अनुमति प्रदान करने का प्रविधान है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य और जनहित में निर्णय लिया गया कि भू कानून का प्रारूप तय करने को गठित समिति की आख्या प्रस्तुत किए जाने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी राज्य से बाहरी व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के लिए भूमि क्रय के प्रस्तावों पर अनुमति के संबंध में निर्णय नहीं लेंगे। मुख्यमंत्री ने भू कानून प्रारूप समिति को विशेषज्ञों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों के सुझाव के आधार पर प्रारूप तेजी से बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य हित में सभी निर्णय ले रही है। जनभावनाओं के अनुरूप और जनहित में जो सर्वोपरि होगा, सरकार उस दिशा में निरंतर आगे बढ़ेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, एडीजी एपी अंशुमन, सचिव एवं गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव जेसी कांडपाल आदि उपस्थित थे।