खबर सच है संवाददाता
लालकुआं। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र परिवर्तन कामी छात्र संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र तथा भीम आर्मी के सदस्यों द्वारा उधम सिंह की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए उनकी क्रांतिकारी विरासत को याद कर सोमवार (आज) प्रातः कार रोड बिंदुखत्ता में एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।
उधम सिंह तुम जिंदा हो, हम सब के अरमानों में, उधम सिंह को याद करेंगे जुर्म नहीं बर्दाश्त करेंगे, सांप्रदायिकता का एक इलाज खत्म करो पूँजी का राज, सांप्रदायिकता का नाश हो, फासीवाद का नाश हो आदि नारों के साथ सभा की शुरुआत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उधम सिंह उस दौर की पैदाइश थे जिस दौर में अंग्रेजी हुकूमत का डंका बजता था और उस हुकूमत ने मेहनतकश जन समुदाय का जीना दूभर कर रखा था। लोग भुखमरी, बेरोजगारी, कंगाली, सूदखोरी, लगान व काले गोरे का भेद, जातिगत भेद, सांप्रदायिक उन्माद, शोषण उत्पीड़न से परेशान थे। शहीद उधम सिंह ने देश को आजाद करने के लिए जलियांवाला बाग हत्याकांड के दोषी जनरल डायर को उसके देश में जाकर गोली मारी और अपने देश के हजारों निर्दोष लोगों का बदला लिया। उधम सिंह ऐसे क्रांतिकारी थे जो अपने उद्देश्य के प्रति संकल्पबद्ध थे। वह अपना आदर्श भगत सिंह को मानते थे व समाजवाद के समर्थक थे। इन्होंने देश को अंग्रेजों द्वारा फैलाए जा रहे सांप्रदायिक जातिगत वैमनस्यता के खिलाफ अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रखकर कौमी एकता का परिचय दिया। लेकिन आज के दौर में शासक वर्ग अपने हितों की राजनीति के लिए, लोगों को आपस में जातीयआधार पर, धार्मिक आधार पर, क्षेत्रीय आधार पर बांटने का काम कर रहा है। आज समाज में आम जनता की हालत बद से बदतर हो चुकी है महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, कंगाली, भ्रष्टाचार, महिला हिंसा, जातीय हिंसा से लेकर सांप्रदायिक उन्माद चरमोत्कर्ष पर है। आज जरूरत है मेहनतकशों को एकजुट होने की और इस मुनाफे पर टिकी व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होने की और जनता के बीच इन विचारों को ले जाने की तभी सही माइनों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस दौरान सभा में सीमा, पिंकी, शंभू नाथ, पंकज, बाबू भाई, अखिलेश, बिंदु, पुष्पा, मेहरून्निसा, पिंकी, कमला, रीवा, भावना, मनोज, जमुना, सुहानी सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।