खबर सच है संवाददाता
रामनगर। यहां 164 के बयान लेने वाली मजिस्ट्रेट के बयान और डीएनए सैंपल की बदौलत दोष सिद्ध होने पर नाबालिग हिंदू लड़की के दुष्कर्म के समुदाय विशेष के आरोपी को न्यायालय द्वारा 20 साल सश्रम कारावास के साथ 20 हजार रुपये अर्थदंड सजा तो मिली, लेकिन इससे पहले ही लड़की की मौत हो गई।
पीड़िता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडीजीसी नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 11 नवंबर 2020 को रामनगर क्षेत्र की एक 15 वर्षीय किशोरी रात करीब 11 बजे अपने घर से लापता हो गई थी। 12 नवंबर 2020 की सुबह किशोरी पड़ोस में रहने वाले समुदाय विशेष के युवक के साथ क्षेत्र के ही एक स्कूल के पास मिली। किशोरी के पिता ने युवक को पुलिस के सुपुर्द कर दिया और मुकदमा दर्ज कराया। किशोरी के बयान हुए तो पता चला कि आरोपी उसे शादी करने की बात कहकर रात करीब 11 बजे घर से ले गया और जबरन शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने छह जनवरी 2021 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। 21अक्तूबर 2021 को कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू की, लेकिन कोर्ट में बयान दर्ज कराने से पहले लड़की की मौत हो गई। घटना के अगले दिन मौके पर मिले किशोरी और आरोपी के कपड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए देहरादून लैब भेजा गया। जांच रिपोर्ट में युवक के दुष्कर्म करने की पुष्टि हुई। एडीजीसी ने लड़की के 164 के बयान लेने वाली मजिस्ट्रेट की भी कोर्ट में गवाही दिलाई और नौ गवाह पेश किए गए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एफएसएल देहरादून के उप निदेशक डा. मनोज अग्रवाल ने भी गवाही दी। जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंदन सिंह की कोर्ट ने सोमवार को तेलीपुरा रामनगर निवासी सुबहान पुत्र अकबर अली को दोषी सिद्ध करार हुए 20 साल सश्रम कारवास और 20 हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई।