
सुप्रिया रानी ( पत्रकारिता स्टूडेंट)
7 सितम्बर, 2022 से जारी भारत जोड़ो यात्रा भारतीय कांग्रेस पार्टी ने जब से शुरू किया तब से सुर्ख़ियों में है। हम ज़रा हटकर बस इतना जानने की कोशिश करते है कि क्या यह यात्रा धर्मवाद अथवा जातिवाद को तोड़ने में सहायक होगी। प्राचीन काल में हुई दांडी यात्रा, नमक आन्दोलन अंग्रेजों के कानूनों का विरोध करने के लिए किया गया था जिसे आज बच्चा-बच्चा पढ्ता है। सवाल हमारे सामने यह भी है कि क्या कुछ इस तरह ही भारत जोड़ो यात्रा का प्रारूप होगा? अगर ऐसा होता है तो एनडीए के शासन में ऐसा आन्दोलन कहीं न कहीं भावी पीढ़ी को केन्द्र की वर्तमान सरकार की नकारात्मक छवि बताएगा। राहुल की यह यात्रा क्या बीजेपी को मात देगी और क्या राहुल के जरिये कांग्रेस की छवि को फिर से सुधारने में मदद करेगी? इस यात्रा में समाज के लिए क्या है? आम जनता के मन में ऐसे बहुत से सवाल होंगे, लेकिन जबाब जनता को स्वयं के आंकलन से ही पता चल सकेगा। क्योंकि मीडिया तो सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा को 2024 के चुनाव की नजर मात्र से देख पा रहा है।
अब चलते है आज के मुख्य बिंदु की तरफ, आखिर इससे हमारे समाज को क्या फायदा होगा। हिन्दू-मुस्लिमों के बीच सदियों से मतभेद जारी है तो धर्म और राजनीति के बीच हमारा समाज एकजुट नहीं रह पाया है। हर धर्म की परम्पराएँ अलग-अलग होने के चलते विरोधाभास ने विकृत राजनीति को ही बढ़ावा दिया है। सम्भतः भारत जोड़ो यात्रा धर्मवाद अथवा जातिवाद की खाई को पाट कर देश और समाज को फिर से एकजुट कर सके।
राहुल गाँधी के नेतृत्व में यह यात्रा पूरे भारत भ्रमण को निकली है। यात्रा का उद्देश्य भी भारत के हर नागरिक को एकजुट करना, और राष्ट्र को मजबूत बनाना है। हर राज्य से लगभग 100 प्रतिनिधि चुने गए है और अब इनकी तादाद लाखों तक पहुंच गई है। 3 जनवरी को यह यात्रा भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी पहुंची थी और इस वक्त जम्मू कश्मीर की सैर पर है। जल्द ही यह यात्रा श्रीनगर में 30 जनवरी को झंडोतोलन से खत्म होगी। अब महज नौ दिन बाकी हैं। भारत जोड़ो यात्रा की विस्तार सीमा कन्याकुमारी से शुरू होकर श्रीनगर तक लेखों की संख्या में बढ़ी है। यात्रा में शामिल, पथयात्रियों के लिए कुल 60 कंटेनर सोने के लिए बनाए गए, जिन्हें गांव में लगा दिया जाता है। यात्री जिस गांव में ठहरते है उसी गांव का खाना खाते है और दूसरे दिन अपने सफर पर निकल जाते हैं। अब ऐसे ही चल रही है 150 दिनों की यात्रा। मुख्य रूप से भारत जोड़ो यात्रा, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और समाज में बढ़ती असमानताओं पर अपना आक्रोश दिखा रही है। भारत जोड़ो यात्रा में लाखों की तादाद में समूह बन चुके है और सामाजिक, और राष्ट्रीय समस्याओं पर हर रोज बहस जारी है। 150 दिनों की यात्रा में अभी कुरुक्षेत्र तक इतना ही हुआ है एक आम नागरिक के लिए। बाकि पक्ष विपक्ष के दांव पेंच में यात्रा जारी रहेगी, आप बस अंत तक आम नागरिक की भूमिका में बने रहना, न मीडिया की सुनना न किसी पार्टी की। खुद आंकलन करना कि आपके लिए कितना हुआ।
आप भारत जोड़ो यात्रा से कैसे जुड़ें? अगर जुड़ना है तो आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट bharatjudoyatra.in पर जाकर रजिस्टर करना होगा, फिर आप इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी देख पाएंगे। यह यात्रा 12 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों से होकर गुज़र रही है।


