खबर सच है संवाददाता
आगरा। दयालबाग के प्रेम नगर निवासी डॉ. अरुण कुमार गुप्ता के दो खातों से 73 लाख रुपये निकालने के लिए बिहार की बैंकों के 34 खातों का प्रयोग साइबर अपराधियों ने किया। पुलिस को खातों की जानकारी मिल गई है। पुलिस अब खाताधारकों की पूरी डिटेल निकलवा रही है। डिटेल मिलने पर खाताधारकों से पूछताछ की जाएगी।
डॉ. अरुण कुमार गुप्ता के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा गया था। इसमें खाता बंद होने के बारे में बताया गया था। एक नंबर दिया था। इस पर कॉल करने पर मोबाइल में स्क्रीन शेयरिंग और एक्सेस करने वाला एप डाउनलोड कराने के बाद उनके दो खातों से नेट बैंकिंग के माध्यम से 73 लाख रुपये निकाल लिए गए थे। उन्होंने रेंज साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया है।
साइबर क्राइम थाना पुलिस के मुताबिक, जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई, उनकी डिटेल निकलवाई है। इसमें पता चला कि बिहार की अलग-अलग बैंकों की शाखाओं के 34 खातों में रकम भेजी गई थी। इसके बाद एटीएम से रकम निकाली गई। पुलिस ने संबंधित बैंकों से खाताधारकों की जानकारी मांगी है, जिससे खाताधारकों से संपर्क किया जा सके। आशंका है कि जिन खातों में रकम गई है, वह फर्जी आईडी पर खुले हों। साइबर अपराधी रकम के लिए खातों को किराये पर भी लेते हैं। ऐसे में खाताधारक फंसता है। खाताधारकों से पूछताछ में पुलिस को साइबर अपराधियों की जानकारी मिल सकती है। उधर, एटीएम में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी मांगे गए हैं।साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को लालच में फंसाकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। इन बातों का रखें ध्यान।
1. अनजान नंबर से कॉल और मैसेज आने पर विश्वास नहीं करें।
2. कोई रिवार्ड प्वाइंट, पुरानी पालिसी का लाभ, खाता चालू करने, गिफ्ट भेजने की बात करता है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है।
3. ट्रूकॉलर आईडी पर नजर आने वाले नंबर को सही नहीं समझे। उसकी सत्यता का पता करें।
4. गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च नहीं करना चाहिए। इसमें अपराधियों ने भी अपने नंबर डाल रखे हैं। इस तरह से नंबर लेने वाले धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।
5. अनजान व्यक्ति को कॉल पर खाते, एटीएम कार्ड का नंबर, ओटीपी नहीं बताना चाहिए।
6. मोबाइल पर किसी तरह का एप डाउनलोड नहीं करें। लिंक पर भी क्लिक नहीं करना चाहिए।
7. फेसबुक पर भी अनजान युवती के नाम से आने वाली फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करें। हनी ट्रैप का शिकार हो सकते हैं।
8. पेंशनर्स की जानकारी लेकर भी अपराधी कॉल कर रहे हैं। पेंशनर्स को शिकार बना रहे हैं। ऐसे में सावधान रहें। खाते और एटीएम कार्ड की जानकारी नहीं देनी चाहिए।