पाखरो टाइगर सफारी को लेकर एनजीटी ने पूर्व वन मंत्री और तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ पर उठाए सवाल 

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देहरादून। पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन (एनजीटी) की कमेटी ने भी तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ किशनचंद समेत कई अन्य अफसरों पर भी सवाल उठाए हैं। इसके अलावा शासन के अधिकारियों को भी कठघरे में खड़ा किया है। 

कमेटी में शामिल तीन सदस्य देश के महानिदेशक वन चंद्र प्रकाश गोयल, एडीजी वाइल्ड लाइफ विश्वास रंजन और एडीजी वन्य जीव एसपी यादव ने अपनी रिपोर्ट प्रधान पीठ को सौंप दी है। कमेटी को पाखरो टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान के आरोपों की जांच करने और वहां पर्यावरण को दोबारा सुधारने के लिए सुझाव देने को कहा था। जिस पर कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि वहां स्वीकृत 163 पेड़ से ज्यादा काटे गए हैं। इसके अलावा कई जगह बिना वित्तीय और पर्यावरणीय स्वीकृति के ही अवैध निर्माण कर दिए गए। इसके लिए कमेटी ने इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह को भी जिम्मेदार बताया है। उन पर बिना स्वीकृतियों के परियोजना को वित्तीय व अन्य तरह के अनुमोदन देने का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी भी तत्कालीन वन मंत्री और डीएफओ किशनचंद को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहरा चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी नियमों और विनियमों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए हर संभव तरीके से काम करवाने में अति कर रहे थे। ऐसे अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जानी की संस्तुति की गई है। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) और तत्कालीन पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। बताते चलें कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के वकील गौरव बंसल ने पहली बार दिल्ली हाईकोर्ट में उठाया था। इसके बाद एनजीटी ने इसका स्वतः संज्ञान लिया था। पूर्व वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू कर चुका है। अब इस रिपोर्ट का कोई मायने नहीं है। पाखरो परियोजना गढ़वाल के विकास के लिहाज से बहुत अच्छी योजना थी। कुछ लोगों ने इसे वेबजह मुद्दा बना दिया है। प्रोजेक्ट की सभी मंजूरियां नियमों के तहत ही दी गई हैं।

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TAGS: dehradun news NGT raised questions on former Forest Minister and then DFO Kalagarh regarding Pakharo Tiger Safari Uttrakhand news

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