नैनीताल। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल में विभिन्न अनियमिताओं को लेकर चमोली निवासी ब्यक्ति द्वारा जनहित याचिका दायर की गईं है। दायर याचिका पर उच्च न्यायालय नैनीताल ने एरीज प्रबंधन, राज्य सरकार एवं वन विभाग को छः सप्ताह के अंदर जबाब प्रेषित करने का आदेश दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नंदप्रयाग चमोली निवासी ब्यक्ति दयाल सिंह द्वारा 13 जून को उच्च न्यायालय नैनीताल में जनहित याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि एरीज प्रबंधन द्वारा सड़क निर्माण पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल एवं बगैर विज्ञापन के वैज्ञानिक डीके एवं सीके पदों पर अपने चहेतो की भर्ती करते हुए वित्तीय अनियमिताएं बरतने के साथ ही एरिज क्षेत्र में हॉस्टल निर्माण के लिए भारी संख्या में हरे एवं छायादार पेड़ो को भी नुकसान पहुंचाते हुए नियमों को तांक पर रखा गया है। जिस पर उच्च न्यायालय नैनीताल की डबल बैंच में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एरीज प्रबंधन, राज्य सरकार एवं वन विभाग को छः सप्ताह में जबाब प्रेषित करने का आदेश दिया है।
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