बढ़ते महिला अपराधों के खिलाफ प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की सेमिनार आयोजित 

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खबर सच है संवाददाता
 
हल्द्वानी। समाज में बढ़ती महिला हिंसा के खिलाफ प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने रविवार (आज) सत्यनारायण मीटिंग हॉल में सेमिनार कर महिला हिंसा के विभिन्न आयामों पर चर्चा की।
 
इस दौरान सेमिनार की शुरुआत कारवां चलता रहेगा..गीत से करने के साथ ही समाज में महिला बराबरी के संघर्षों को आगे बढ़ाने के दौरान मारी गई महिलाओं को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। 
 
सेमिनार पत्र पर बात रखते हुए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी जोशी ने कहा कि 25 नवंबर को पूरी दुनिया की सरकारें महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाती है। पूरी दुनिया के हर साल विभिन्न संगठनों द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा के उन्मूलन की शपथ लेते हैं। लेकिन इसके बाद आज के समाज की सच्चाई ये है कि पूरी दुनिया में हर तीसरी महिला किसी न किसी प्रकार की हिंसा की शिकार है। परिवर्तनकामी छात्र संगठन की कार्यकारणी सदस्य विजेयता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी 25 नवंबर के दिन को महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में तमाम नारीवादी संगठनों के दबाव के बाद ही घोषित किया। लेकिन 25 नवंबर को महिला हिंसा घोषित करने के पीछे मिरावल बहनों की हत्या की घटना से जोड़ दिया गया जबकि मिरावल बहनों की हत्या तानाशाह शासक की तानाशाही का विरोध करने के कारण उस शासक ने ही थी। यानी शासकों की क्रूरता को छिपाकर मिरावल बहनों की हत्या को महिला हिंसा से जोड़ दिया। जोकि गलत है। इंकलाबी मजदूर केन्द्र की पिंकी गंगवार ने कहा कि शासक वर्ग द्वारा महिलाओं के प्रति हिंसा के खिलाफ  कदम उठाए जाने के नाम पर महज कुछ खोखले दावे किए जाते हैं या फिर कुछ रस्मी कानून बना दिए जाते हैं। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की अध्यक्ष शारदा ने कहा कि उत्तराखंड के स्थापना को 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती मनाई जा रही है लेकिन महिला अपराध तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। उत्तराखंड में जहाँ नारी को शक्ति और देवी का स्वरूप माना जाता है, वहाँ महिलाओं के साथ हो रही हिंसा अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। क्रालोस के केंद्रीय अध्यक्ष प्रेम प्रसाद आर्या ने कहा कि आज देश में महिलाओं के साथ यौन हिंसा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है चाहे घर हो या बाजार, दफ्तर कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। घर परिवार में जहां वे पुरुष प्रधान सामंती मानसिकता की शिकार है, वही पूंजीवादी व्यवस्था मुनाफे के लिए महिला शरीर को एक उपभोग वस्तु के बतौर पेश कर रही है। उत्तराखंड महिला मंच की बसंती पाठक ने कहा कि महिलाएं दोहरी – तिहरी गुलामी की शिकार है घरेलू गुलामी, धार्मिक – पिछड़ी मूल्य मन्यताओं की गुलामी और पूंजी की गुलामी। जब महिलाएं इनसे आजाद नहीं होंगी तब तक महिलाओं के साथ हिंसा खत्म नहीं हो सकती। इसलिए महिलाओं को अपनी आजादी के लिए एकजुट होने की जरूरत है बगैर संगठन बनाने की जरूरत है।  
 
सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि पूरी दुनिया की सरकारें महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने और उनकी सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती हैं। लेकिन हम जानते हैं कि सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है। आज पूरी दुनिया में महिलाओं के साथ हो रही हिंसा का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। आज भी महिलाएं हर जगह दोयम दर्जे का जीवन जीने को मजबूर हैं। घर परिवार में जहां उन्हें पुरुषों से कमतर माना जाता है वहीं कल कारखानों में, दफ्तरों में उन्हें पुरुषों से कम वेतन दिया जाता है। पिछले 100 वर्षों में महिलाओं ने बहुत सारे अधिकार लड़कर हासिल किए हैं पर आज देश की संघी सरकार इन अधिकारों को छीनकर महिलाओं को घरों में कैद कर देना चाहती है। वह महिलाओं को केवल बच्चे पैदा करने की मशीन में तब्दील कर देना चाहती है।
 
सेमिनार में प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र के अलावा इंकलाबी मजदूर केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, एक्टू संगठन, आशा वर्कर, उत्तराखण्ड महिला मंच, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, ठेका मजदूर कल्याण समिति, भीम आर्मी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी आदि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
 
इस दौरान बिंदू गुप्ता, रजनी जोशी, बसन्ती पाठक, महेश चन्द्र, टी आर पाण्डेय, मोहन, मुकेश भंडारी, आरती गुप्ता, हेमा देवी, भावना गोस्वामी, हिमानी अगरिया, पी पी आर्य, चंपा देवी, हेमा भट्ट, पिंकी गंगवार, शीला शर्मा, विजेयता, पी सी तिवारी, कमला पाण्डेय, पुष्पा, उमेश, अनुराग, नीता, तुलसी छीमवाल, विपिन कविता, प्रिया कुमारी, शोभा, पूजा, दीपा बवारी, रितु, मंजू, कमला कुंजवाल, शारदा, रजनी सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
 
 

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TAGS: Haldwani news Progressive Women Unity Centre organised a seminar against increasing crimes against women uttarakhand news उत्तराखण्ड न्यूज प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की सेमिनार बढ़ते महिला अपराधों के खिलाफ हल्द्वानी न्यूज

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