खबर सच है संवाददाता
बागेश्वर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 29 नवंबर से 4 दिसंबर तक आयोजित पुरुष नसबंदी पखवाड़ा पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ है। छह दिन बीत जाने के बावजूद जिले में एक भी पुरुष नसबंदी कराने के लिए जिला अस्पताल नहीं पहुंचा।
स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान में अधिक से अधिक पुरुषों को जोड़ने का लक्ष्य तय करने केसाथ ही प्रचार-प्रसार के जरिये नसबंदी के फायदों की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं विभाग की ओर से 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और आकर्षक उपहार देने की भी घोषणा की गई थी, बावजूद विभाग की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
सीएमओ बागेश्वर डॉ कुमार आदित्य तिवारी ने बताया कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पुरुषों को जागरूक किया जा रहा है। पुरुषों से अपील की गई है कि वे भ्रांतियों को दूर कर परिवार नियोजन में सक्रिय भूमिका निभाएं और पखवाड़े का लाभ लें।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ राजीव उपाध्याय के अनुसार पुरुषों में अब भी नसबंदी को लेकर कई तरह की गलतफहमियां और झिझक बनी हुई हैं। जबकि पुरुष नसबंदी प्रक्रिया महिलाओं की तुलना में ज्यादा सरल और सुरक्षित है। विभाग का कहना है कि पखवाड़े के अगले चरण में जागरूकता और बढ़ाई जाएगी।




