खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। कभी प्रदेश से बाहर हरियाणा में संगठन महामंत्री रहे और अब उत्तराखण्ड प्रदेश के महामंत्री के तौर पर भारी-भरकम वजूद रखने वाले सुरेश भट्ट अपने भविष्य की तलाश में उत्तराखण्ड में सक्रिय तो हुए, लेकिन टिकट वितरण के दौरान ही शायद भट्ट को पैराशूट प्रत्याशी समझते हुए शीर्ष नेतृत्व ने दरकिनार कर दिया।
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार भट्ट को उत्तराखण्ड में भाजपा के महत्वपूर्ण किरदार के तौर पर स्थापित करने हेतू हरियाणा से उत्तराखण्ड में आमंत्रित किया गया था, लेकिन टिकट वितरण के साथ ही प्रदेश नेतृत्व की नीयत डोल गई और ऐन वक्त पर 70 पार के प्रत्याशी पर पुनः दाव लगा दिया।
हालांकि भट्ट को हल्द्वानी से प्रत्याशी बनाए जाने की भी चर्चा है। सूत्र बताते है कि अगर भट्ट चुनाव जीत के आये तो प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर सीएम के प्रमुख दावेदारों में सुमार होंगे। लिहाजा कहीं यही वजह तो नहीं कि भगत को भाजपा की राजनीतिक उम्र सिमा से रिटायर होने के बावजूद टिकट देकर सुरेश भट्ट का कालाढूंगी से पत्ता साफ कर दिया गया।