खबर सच है संवाददाता
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने गुरुवार (आज) मामले की सुनवाई के बाद अब्दुल मलिक के पुत्र अब्दुल मोइद और चालक मोहम्मद जहीर को तीनों दर्ज एफआईआर में जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं दंगे के मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
ज्ञात हो कि अब्दुल मोइद पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि घटना के दिन वह मौके पर मौजूद नहीं था और बीते वर्ष से जेल में निरुद्ध है। इस पर न्यायालय ने उसे सभी तीनों मामलों में जमानत प्रदान कर दी। इसी तरह, अब्दुल मलिक के चालक मोहम्मद जहीर को भी अदालत ने राहत दी है। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने एक अन्य आरोपी मोहम्मद नाजिम की जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर उसे भी रिहाई का आदेश दिया।
हालांकि अदालत ने बनभूलपुरा के तत्कालीन सभासद शकील अहमद को जमानत देने से इनकार कर दिया। सरकार की ओर से पेश पक्ष में कहा गया कि शकील अहमद का आपराधिक इतिहास है और उसके खिलाफ दंगे के अलावा दो अन्य मामले भी दर्ज हैं।अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं अभी लंबित हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद जहां कुछ आरोपियों को राहत मिली है, वहीं मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को फिलहाल न्यायिक हिरासत मेंरहना होगा।
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