खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड के विभिन्न महाविद्यालयों में कई वर्षो से कार्यरत संविदा शिक्षको ने अपनी कुछ मांगो हेतु उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की।
इस दौरान संविदा शिक्षको ने अपनी मांगे रखते हुए कहा कि वर्ष 2014 से प्रातःकालीन/सांध्यकालीन संविदा शिक्षक और वर्ष 2015 से कार्यरत गेस्ट फैकल्टियों का न तो विनियमितिकरण हुआ और न ही वेतन वृद्धि हुई। जबकि पिछले कई वर्षो से अधिकांश संविदा शिक्षक मात्र 35 हजार नियत वेतनमान पर उत्तराखंड के अति दुर्गम महाविद्यालयों में कार्यरत है। महंगाई के इस दौर पर उच्च शिक्षा में कार्यरत संविदा प्राध्यापको को काफी कम वेतन प्राप्त होने से आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यूजीसी के द्वारा तय वेतनमान 57700 ना मिलने के कारण पिछले 9 साल से अध्यापन करने के फलस्वरूप भी कोई शिक्षण अनुभव के अंक नही जोड़े जाते, जिसके चलते अन्य प्रदेश या विश्वविद्यालयों में साक्षात्कार हेतु संक्षिप्त सूची में जगह नहीं बना पाते है। शिक्षकों ने उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर विनियमितिकरण करने और जब तक ये प्रक्रिया चलती है तब समान कार्य समान वेतन के तहत 57700 वेतन देने की मांग की। जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने अल्प वेतन को पुनः संज्ञान में लेते हुए जल्द ही वेतन वृद्धि का आश्वासन दिया। किंतु विनियमितिकरण हेतु उन्होंने मौके पर ही मना किया। कहा की नियमों और पदों के हिसाब से सरकार भी इस विषय में कुछ न कर पाने को विवश है।
इस दौरान ज्ञापन देने वालों में डॉ सुरेंद्र पडियार, डॉ मनोज कुमार, डॉ प्रदीप पांडेय, डॉ आलोक, डॉ दिवाकर, डॉ प्रमोद जोशी, डॉ प्रकाश, डॉ बिंदिया, डॉ ममता, डॉ दीपिका, डॉ गरिमा सहित कई संविदा शिक्षक मौजूद रहे।