समानता के अधिकार सहित पांच मांगों को लेकर छात्रावास के बाहर धरने पर बैठी छात्राएं 

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जसपाल सिंह, खबर सच है संवाददाता ऊधमसिंह नगर

पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अधिकारियों में रविवार शाम उस समय खलबली मच गई। जब पहले सुभाष भवन में पीजी कृषि व अन्य और फिर स्वर्ण जयंती भवन में पीजी प्रौद्योगिकी की छात्राएं समानता के अधिकार सहित पांच मांगों को लेकर छात्रावास के बाहर धरने पर बैठ गईं। सूचना पर पहुंचे तमाम अधिकारियों के समझाने के बावजूद छात्राएं मांगों के समाधान पर ही धरने से उठने पर अड़ी थीं। 

नाम न लिखने की शर्त पर छात्राओं ने बताया कि आज जब महिलाएं पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, तब पंत विवि में छात्र-छात्रों के लिए अलग-अलग नियम बनाकर उनके समानता के अधिकार पर अतिक्रमण किया जा रहा है। बताया कि परिसर में छात्रों को रात्रि दस बजे तक छात्रावास में आवागमन की अनुमति उपलब्ध है, जबकि छात्राओं के लिए समय सीमा शाम सात बजे निर्धारित की गई है। जिसके चलते वह लाइब्रेरी, सीसीएफ, स्टेडियम व अन्य महाविद्यालयों के कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने से वंचित रह जाती हैं। यदि उन्हें प्रतिभाग करना हो तो पहले वार्डन से लिखित अनुमति लेनी होती है। छात्रों की शाम को हाजिरी नहीं होने से वह कभी भी परिसर से बाहर जा सकते हैं, जबकि छात्राओं को बाहर जाने के लिए अवकाश होने के बावजूद दो दिन पूर्व परिजनों से वार्ता कराने के बाद एडवाइजर से अग्रसारित करवाकर अवकाश पत्र देना होता है। जिसके स्वीकृत होने की कोई गारंटी नहीं है। छुट्टी यह कहकर निरस्त कर दी जाती है, कि उन्हें उनकी मंशा का पता है। यह उनके चरित्र पर सीधा आधात है। इसलिए किसी भी छात्रा को अचानक जरूरत पड़ने पर घर जाने में बहुत परेशानी होती है। साथ ही अन्य प्रदेशों की छात्राओं को आसपास की जगहों पर जाने के लिए प्रतिबंधित होने से उन्हें छात्रावास में कैदी होने की अनुभति होती है। परिसर से बाहर जाने के लिए अवकाश के दिन आवेदन पत्र में एडवाइजर के हस्ताक्षर आवश्यक नहीं हैं, जबकि वह बिना एडवाइजर के हस्ताक्षरित आवेदन पत्र दिए परिसर नहीं छोड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि अधिष्ठाता छात्र कल्याण या छात्रावास प्रबंधन की ओर से बिना कोई नोटिस दिए उनके आने वाले पार्सल्स को जांच के नाम पर खोल दिया जाता है। जिससे उनकी निजता का अधिकार भंग होता है। साथ ही सुरक्षाधिकारी पर आरोप लगाया कि उनके निर्देश पर छात्रावास के सुरक्षाकर्मियों की ओर से छात्राओं के पांच मिनट देरी से पहुंचने पर छात्रावास का गेट नहीं खोला जाता है। बताया कि वार्डन के संज्ञान में यह सभी समस्याएं लाने के बावजूद उनकी ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। यह सरासर विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जिससे उनकी एकेडेमिक परफार्मेंस व मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस दौरान सुभाष भवन में कार्यवाहक चीफ वार्डन डॉ एएस जीना, सह निदेशक प्रशासन डॉ. पीवी सिंह, सह निदेशक छात्र कल्याण डॉ. बीएन शाही, वार्डन डॉ. अंजू पॉल व डॉ. रश्मि पंवार, सहायक वार्डन भावना, एएसओ रविंद्र मिश्रा, डीपी यादव व मदन मेहरा आदि लोग छात्राओं को समझाने में लगे रहे, लेकिन व भोजन का बहिष्कार कर धरने पर अडिग थीं। वहीं स्वर्ण जयंती भवन में पहुंचे चीफ वार्डन व डीन सीबीएसएच डॉ. संदीप अरोड़ा के समझाने पर छात्राएं वार्ता के लिए मान गईं और धरना समाप्त कर उन्होंने डीन के साथ ही भोजन किया।

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TAGS: Girl students sitting on dharna outside the hostel for five demands including right to equality pantnagar news US nagar news Uttrakhand news

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