खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। किसान महासभा कार्यालय दीपक बोस भवन में बुधवार (आज) अखिल भारतीय किसान महासभा जिला नैनीताल की बैठक संपन्न हुई। जिसमें मुख्य रूप से किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ और किसानों के हित में नीतियां बनाये जाने को लेकर चर्चा भी हुई।
इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा नैनीताल द्वारा किसानों का जुझारू आन्दोलन खड़ा करने के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा की सघन सदस्यता अभियान चलाते हुए कहा गया कि 28 अगस्त को जिला सम्मेलन, 18 सितम्बर को राज्य सम्मेलन कर 23 – 24 सितम्बर 2022 को होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी की जायेगी। 6 जून 2017 को मनसौर मध्य प्रदेश में किसान आन्दोलन के बीच पुलिस गोली से शहीद हुए 6 किसानों की याद में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कुल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और किसानों की कर्ज माफी करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय प्रतिवाद के तहत तहसील मुख्यालय लालकुआं पर 6 जून 2022 को प्रातः 10 बजे से प्रदर्शन करने के साथ ही 14 जून 2022 से चलने वाली पांचवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में दो प्रस्ताव गोरक्षा कानून को निरस्त करने या गोवंश की कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद की गारंटी करने और बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का प्रस्ताव सम्मिलित किये जाने के पुनः स्मरण के साथ लालकुआं क्षेत्र को संचूरी पेपर मिल से हो रहे प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रदूषित पानी को भूमिगत करने व प्रदूषण नियंत्रक यंत्र लगवाने, गोला नदी पर स्थाई तटबंध बनाने के लिए दिनांक 13 जून 2022 को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया ।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि किसानों की फसल को आवारा गोवंश से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार गोरक्षा कानून को निरस्त करने या उस पर पुनर्विचार कर गोवंश की स्थितिनुसार (लैंणी, बाखड़ी, बैली, बछिया, बछड़ा की) कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद निश्चित करने की नीति निर्धारण करे ताकि पशुपालन करने वालों और किसानों को दोहरा नुक़सान होने के बजाय लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों से बिन्दुखत्ता की वन भूमि पर काबिज भूमिहीनों द्वारा मालिकाना हक दिए जाने के लिए लगातार सरकार से बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने की मांग की जा रही है परन्तु भाजपा – कांग्रेस की सरकारें बिन्दुखत्ता की जनता को झूठे आश्वासनों में फंसाकर अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रहीं हैं। भाकपा माले के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरा देश भारी संकट के दौर से गुजर रहा है। देश की मोदी सरकार सारी सार्वजनिक संपत्तियों को अपने चहेते कारपोरेट घरानों को कौड़ियों के भाव लुटा रही है। किसानों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों को उनके अधिकारों से वंचित कर उनको बदहाल जीवन जीने के लिए मजबूर करने का काम राष्ट्रीय स्तर पर अपनी फासीवादी नीतियों को लागू कर बखूबी कर रही है। इसी प्रकार भाजपा की प्रदेश सरकार भी केंद्र की मोदी सरकार के दिशानिर्देशों पर चलने वाली सरकार ही है। इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता कि यह सरकार बिना जन दबाव के जनपक्षीय नीतियां बनाएगी इसलिए मजबूत और शक्तिशाली जनपक्षीय किसान संघर्ष ही किसान हित में नितियां बनाने का विकल्प हो सकता है। हमें जनता के संघर्ष पर भरोसा रखना चाहिए । हमें मजदूरों , किसानों , छात्रों, नौजवानों के संगठनों को मजबूत करना चाहिए ताकि सब मिलकर उन्माद और नफरत की राजनीति को शिकस्त देकर समाज में भाईचारा कायम करते हुए अपने अधिकार प्राप्त कर सकें। बैठक को अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बिन्दुखत्ता के साथ – साथ जिले के अन्य खत्तों के किसानों को भी जिनको अभी तक राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर, आधार कार्ड, स्थाई निवास, बिजली स्कूल, चिकित्सा की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं को किसान महासभा में सम्मिलित कर उनके हक हकूपों की आवाज उठानी होगी सरकार के नजरंदाज करने पर हमें बड़े जनांदोलन के लिए तैयार होना होगा। इस दौरान बैठक में मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, सोनू, स्वरूप सिंह दानू, ललित सिंह मटियाली, ललित जोशी, भूवन जोशी, हरीश चन्द्र भण्डारी, मनोज जोशी, धीरज कुमार, विमला रौथाण, किशन बघरी, कमल जोशी आदि मौजूद रहे ।