खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी/देहरादून। ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड द्वारा रिटेल एवं होलसेलर दवा विक्रेताओं हेतु 13 महत्वपूर्ण नारकोटिक एवं साइकोट्रोपिक दवाओं जिन्हें मनोचिकित्सक के अतिरिक्त फिजिशियन, सर्जन व अन्य चिकित्सकों द्वारा भी मरीजों के रोजमर्रा इलाज हेतु लिखा जाता है, की मात्राओं को न्यूनतम एवं उक्त दवाओं का ब्यौरा प्रत्येक माह की 5 तारीख तक ड्रग कंट्रोल विभाग को भेजना अनिवार्य करने से खुदरा एवं होलसेलर दवा विक्रेताओं ने दवाओं का स्टॉक वापस भेजना शुरू कर दिया है। जिसके चलते उक्त दवाओं की कमी शुरू होने का सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ने लगा है।
दवा विक्रेताओं द्वारा ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड के उक्त आदेश के क्रम में प्रदेश स्तरीय एसोसिएशन के माध्यम से पत्र भेजते हुए कहा है कि प्रदेश के समस्त दवा विक्रेता इन दवाओं के गलत उपयोग के खिलाफ एकजुट होकर ड्रग विभाग के साथ खड़े है। लिहाजा ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 27 जुलाई को जारी इस आदेश में सिथिलता प्रदान करते हुए दवा ब्यवसायियो का अनुरोध को स्वीकार करें। साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश के दवा विक्रेता पूर्व से ही उक्त दवाओं का पूर्ण ब्यौरा रखने के साथ चिकित्सक के पर्चे पर ही उक्त दवाओं की बिक्री करते है। जिसका विभाग कभी भी निरीक्षण कर देख सकता है।