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खबर सच है संवाददाता
देहरादून। धोखाधड़ी, कूटरचना और आर्थिक अपराधों से संबंधित शिकायती प्रार्थना पत्रों पर प्रारंभिक जांच ना करने और संबंधित जांच रिर्पोट को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना अपनी मर्जी से मुकदमा दर्ज करने वाले 2 थाना-कोतवाली प्रभारी (इंस्पेक्टरों) के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिले के नवनियुक्त एसएसपी अजय सिंह ने दोनों इंस्पेक्टरों को सोमवार को 6 घंटे के लिए एसएसपी ऑफिस में अटैच पर रखा। साथ ही सभी थाना-कोतवाली प्रभारियों को सख्त हिदायत भी दी है।
गौरतलब है कि जिले में अलग-अलग थानों में पंजीकृत धोखाधड़ी, कूटरचना और आर्थिक अपराधों के मुकदमों की एसएसपी द्वारा समीक्षा की गई। समीक्षा में कुछ मुकदमों का काफी समय से लंबित होना पाया गया. जिससे यह प्रतीत हुआ कि मुकदमों को बिना किसी प्रारंभिक जांच के पंजीकृत किया गया है। इस संबंध में एसएसपी द्वारा सभी थाना प्रभारियों को धोखाधड़ी, कूटरचना और आर्थिक अपराधों से संबंधित शिकायती प्रार्थना पत्रों पर प्रारंभिक जांच कर जांच रिर्पोट को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद ही मुकदमे पंजीकृत किए जाने के संबंध में निर्देश दिए गए थे। लेकिन आदेशों के बाद भी प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर और प्रभारी निरीक्षक रायवाला द्वारा उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना अपने-अपने थानों में धोखाधड़ी से संबंधित अभियोग पंजीकृत किए गए हैं।इसका संज्ञान लेते एसएसपी ने सोमवार को दोनों थाना प्रभारियों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक पुलिस कार्यालय में अटैच किया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि गंभीर और महत्वपूर्ण अपराधों को पंजीकृत करने से पहले उच्च अधिकारियों के संज्ञान में अवश्य लाया जाए। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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