खबर सच है संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों के बाद अब शिक्षक संगठनों ने आरोप-प्रत्यारोप शुरू करते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
बताते चलें कि इस बार तबादला ऐक्ट के तहत तय टाइम टेबल के पांचवें दिन जाकर शिक्षा विभाग ने 544 प्रवक्ता कैडर शिक्षकों के तबादले कर दिए। ऐक्ट के अनुसार अनिवार्य श्रेणी के तबादले 10 जुलाई तक होने थे, लेकिन प्रवक्ता की लिस्ट 15 जुलाई की देर रात जारी की गई। हालांकि आदेश पर तारीख दस जुलाई ही दर्ज है। सुगम से दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में 87 और दुर्गम से सुगम स्कूलों में 130 शिक्षकों का तबादला किया गया है। अनुरोध के आधार पर महिला शाखा में 27 के तबादले किए गए हैं। सामान्य श्रेणी में 300 प्रवक्ताओं का अनुरेाध आधार पर तबादला किया गया है। जिसके साथ ही अपर निदेशक-माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल ने सभी शिक्षकों को तय समय पर नई तैनाती पर ज्वाइन करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही कहा गया है कि रिलीवर का इंतजार किए बिना ही शिक्षक स्वयं अपने आदेश के अनुसार नई जगह ज्वाइन कर लें। जिसके बाद बैक डेट से तबादलों पर शिक्षकों में काफी नाराजगी है।
राजकीय शिक्षक संघ के हरिद्वार के जिला मंत्री रविंद्र रोड और यूएसनगर के जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा पहले तबादला सत्र को शून्य करने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि ऐक्ट के अनुसार विभाग को हर हाल में 10 जुलाई तक तबादला आदेश करने थे। लेकिन विभाग ऐक्ट के प्रावधानों का पालन ही नहीं कर पाया है। साथ ही शिक्षकों की सेवाओं की गणना भी पारदर्शिता के साथ नहीं की गई है।