खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी।दिवाली अबकी बार 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है। इस दिन चंद्रमा बुध के साथ कन्या राशि में होंगे। साथ ही सूर्य और शुक्र तुला राशि में रहेंगे। ऐसे में अबकी बार दिवाली पर यह बहुत ही अच्छा संयोग है। ऐसे में शुभ लाभ की प्राप्ति के लिए दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त अबकी बार कब से कब तक रहेगा आइए जानते हैं, पंचांग के अनुसार दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त।
दिवाली पूजन मुहूर्त के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है, कार्तिक प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके। तस्यां सम्पूज्येत देवीं भोग मोक्ष प्रदायिनीम।। यानी जिस दिन मध्यरात्रि और प्रदोष काल में अमावस्या तिथि हो उसी दिन भोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए दिवाली पूजन करना चाहिए। इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रहा है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है इसलिए 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन गृहस्थजन प्रदोष काल में करेंगे। इस साल कार्तिक अमावस्या दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम में 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा। इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है। ऐसे में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए स्थिर लग्न में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए।
निशीथ काल में दिवाली पूजा
जो लोग प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन नहीं कर पाते हैं या विशेष सिद्धि के लिए लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं वह दिवाली की रात में निशीथ काल में 8 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 55 मिनट के बीच पूजा कर सकते हैं।
महानिशीथ काल में दिवाली पूजा
महानिशीथ काल में दिवाली की साधना साधक लोग करते हैं। तंत्र साधना के लिए यह समय अति उत्तम रहेगा। रात 10 बजकर 55 मिनट से रात 1 बजकर 31 मिनट महानिशीथ काल में तंत्रोक्त विधि से दिवाली पूजन किया जा सकता है। (साभार!)