खबर सच है संवाददाता
देहरादून। प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्री शुल्क में बड़ा बदलाव करते हुए इसकी अधिकतम सीमा को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है। वित्त विभाग से आदेश जारी होने के बाद आईजी स्टांप कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश भेज दिए हैं। इस कदम को सरकारी राजस्व बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
वर्तमान में उत्तराखंड में संपत्ति मूल्य का दो प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क लिया जाता है। पहले इस शुल्क की अधिकतम सीमा 25 हजार रुपये थी। उदाहरण के तौर पर, 10 लाख रुपये की संपत्ति पर 20 हजार रुपये शुल्क देना होता था, जबकि 12.5 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति पर भी अधिकतम 25 हजार रुपये ही देय रहते थे।
अब सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है। आईजी स्टांप सोनिका ने बताया कि दस साल बाद शुल्क में यह संशोधन किया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री शुल्क एक प्रतिशत है और वहाँ इसकी कोई अधिकतम सीमा तय नहीं है, जबकि उत्तराखंड में सीमा निर्धारित होने से खरीदारों पर अनावश्यक आर्थिक भार नहीं बढ़ता।
सरकार का मानना है कि अधिकतम सीमा बढ़ने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी, वहीं खरीदारों को भी शुल्क की स्पष्ट सीमा के कारण लाभ मिलता रहेगा।




