शासन तंत्र की निष्क्रियता के चलते राज्य का समुचित विकास बाधक।

ख़बर शेयर करें -

मनोज कुमार पाण्डे
संपादक “खबर सच है”

विकास की सार्थक पहल का खोखला नारा देने वाली राज्य सरकार आखिर अपनी गिरगिट चाल चलने में कामयाब रही है। राज्य की यह दुर्दशा शायद आज पहली बार देखने को मिल रही। सड़क, यातायात, रोजगार शायद कोई भी ऐसा पहलू नहीं जिसमें सरकार, जनता के समक्ष अपने को सही साबित कर सकती। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि जिस सरकार के प्रतिनिधि थाली के बैगन की तरह लुढ़कने को तैयार बैठे हो और अंदर ही अंदर रस्सा-कसी में लगे हो, आखिर उस सरकार अथवा उसके शासन में कोई उम्मीद कैसे की जा सकती है।

यह भी पढ़े।

https://khabarsachhai.com/2021/05/23/jan-jan-jagriti-se-parvati-rajya-ka-vikas-sambhav/

https://khabarsachhai.com/2021/06/06/sara-ali-khan-viral-video/


एक आदर्श राज्य का निर्माण, प्रत्येक युवा को रोजगार एवं महिलाओं के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाये जायेंगे, राज्य में लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जायेगा, औद्योगिक क्रांति के लिए ठोस रणनीति तय की जायेगी तथा और भी कई खोखले वायदे देने वाली वर्तमान राज्य सरकार भूल गई अपने चुनावी वायदे। आखिर कहां गये वो सभी चुनावी वायदे? आद्योगिक क्रांति तो सम्भव नही हो सकी, वरन उद्योगों में ब्याप्त भ्रष्टाचार के नाम पर गड़े मुर्दे उखाड़ने में ही राज्य सरकार ध्यान केंद्रित रहा। हां अगर कुछ नया हो भी रहा है तो औद्योगिक नीति के चलते आवासीय अथवा कृषि क्षेत्रों को उजाड़ने का कार्य अवश्य हुआ है।

Join our whatsapp group

https://chat.whatsapp.com/GNmgVoC0SrIJYNxO5zGt0F

Join our telegram channel:

https://t.me/joinchat/YsCEm7LVdWtiYzE1

अस्पष्ट तकनीकी एवं शैक्षिक प्रणाली के चलते युवाओँ को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा है।दूरदराज के क्षेत्रों में चल रहें विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षणोत्तर कर्मचारी नहीं। सीमांत क्षेत्रों में आज तक बिजली-पानी की समुचित ब्यवस्था नहीं। आज भी इन क्षेत्रों की महिलाएं दूर-दूर से सिर पर पानी ढोती दिखाई पड़ती है। उबड़-खाबड़ रास्तों पर पैदल मिलों लम्बा सफर तय करके आज भी यहां के छात्रों को शिक्षालय पहुँचना पड़ता है। चिकित्सालयों के न होने के कारण मरीज शहर पहुचने से पहले ही दम तोड़ देता है। संरक्षण के लिए बनी कानून ब्यवस्था या तो स्वयं के स्वार्थ में लिप्त है या फिर नेताओं की चाटूकारिता में। सच तो यह है कि प्राकृतिक रूप से खूबसूरत इस राज्य में आज भी कई ऐसे अविकसित क्षेत्र हैं जहां की जनता शासन की पूंजीवादी और एकतरफा न्यायिक ब्यवस्था के चलते सड़कों पर आने को मजबूर है।

हमारे पोर्टल में विज्ञापन एवं समाचार  के लिए कृपया हमें [email protected] ईमेल करें
या 91-9719566787 पर संपर्क करें ।

विज्ञापन

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 हमारे समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 हमसे फेसबुक पर जुड़ने के लिए पेज़ को लाइक करें

👉 ख़बर सच है से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 हमारे पोर्टल में विज्ञापन एवं समाचार के लिए कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें या +91 97195 66787 पर संपर्क करें।

More Stories

सम्पादकीय

हाकम के हाकिम तक कब पहुंचेगी एसआईटी 

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें –  हाकम क्या अपने पांव चल रहा था या फिर उसको चलने की व्हील चेयर सत्ता पर काबिज हाकिम ने उपलब्ध कराई थी। हर रोज हाकम एक, हाकम दो, हाकम अट्ठाइस एसआईटी के मेहमान बन रहे है, लेकिन हाकम चार सौ बीस का सिग्नल एसआईटी की रडार पर नहीं आ रहा। जबकि […]

Read More
सम्पादकीय

जग जाओ वरना कफ़न पर भी जीएसटी पाओगे

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें -मनोज कुमार पाण्डे क्या कभी सोचा….हर माल पर जीएसटी…आवश्यक वस्तु आम आदमी की पहुंच से बाहर..शिक्षा, संस्कार, रोजगार और सामाजिक ब्यवहार पर भी सत्ता रूढ़ राजनीतिक पार्टी का अधिकार..फिर जिओ मार्ट में 9 रुपये किलो चीनी ..आखिर किस भविष्य का आधार।आज नहीं तो कब सोचोगे ?सरकारी संस्थाए खालीआरटीई पर प्रवेश प्राइवेट स्कूलों […]

Read More
सम्पादकीय

माँ के वजूद को बचाते हुए सुपर हीरो साबित हुए सुमित 

ख़बर शेयर करें -

ख़बर शेयर करें -याद आता है वो समय जब विधानसभा चुनाव 2017 में अपनो ने ही किले बंदी कर आयरन लेडी डॉ इंदिरा के रास्ते रोकने की कोशिश की थी, क्योंकि डॉ इंदिरा सिर्फ राजनीती की कुशल नहीं वरन प्रदेश नेतृत्व के लिए भी शीर्ष पर थी। लिहाजा कांग्रेस के ही लोगो को लगने लगा […]

Read More