हल्द्वानी। राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के नेतृत्व में मंगलवार(आज) एमबी इंटर कॉलेज मैदान हल्द्वानी में बांग्लादेश में हिंदूअल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर विशाल जनसभा का आयोजनकिया गया। जिसमें प्रभु श्रीराम और भारत माता के जयकारों के गूंज के साथ ही हजारों की संख्या में एकत्र हिंदू समाज के लोगो द्वारा एक स्वर में बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा की मांग उठाई। जहां से एक विशाल जुलूस तिकोनिया चौराहा तक निकाला गया। इस दौरान, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के माध्यम से सनातन समाज के प्रमुख नेताओं ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापनभेजा, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और भारत सरकार से तत्कालकार्रवाई की अपील की गई।
इस दौरान तिकोनिया चौराहे पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में हजारों कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और बांग्लादेश के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। इस्कॉन के गोपी नाथ दास महाराज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म और हिंदुत्व को बचाने के लिए हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए सनातनियों को घर से निकलकर अपने कर्तव्यों को निभाना होगा और हिंदू धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा। प्रख्यात कथावाचक नमन कृष्ण महाराज ने बताया कि बांग्लादेश के विभाजन के समय हिंदुओं की आबादी 26 प्रतिशत थी लेकिन अब यह घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।उन्होंने आरोप लगाया कि लगातार अत्याचार और धमकियां देकर बांग्लादेश में हिंदू समाज का धार्मिक रूपांतरण कराया गया है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. शिवेंद्र कश्यप ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू देश है और यदि कहीं भी हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो भारत सरकार को इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ने हमेशा विश्व शांति की बात की है और कभी भी किसी पर अत्याचार नहीं किया। कश्यप ने यह भी कहा कि जब तक हिंदू समाज एकजुट नहीं होगा तब तक ऐसे अत्याचार जारी रहेंगे। सूरज गिरी महाराज ने भी हिंदू समाज की एकता पर बल दिया और कहा कि एक दिन अखंड भारत के सपने को पूरा करते हुए सभी हिंदू राष्ट्र से जुड़ेंगे। उन्होंने मंदिरों में नियमित जाने और पूजा करने का आह्वान किया ताकि हिंदू समाज की आस्था और एकता मजबूत हो सके।
आंदोलन में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें हल्द्वानी मालिक चालक समिति टैक्सी यूनियन, कुमाऊं द्वार टैक्सी मालिक एवं चालक कल्याण समिति, वरिष्ठ नागरिक जनकल्याण समिति, युवा सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल, महाराजा अग्रसेन युवासमिति, वैश्य महासभा, माहेश्वरी महासभा, पूर्व सैनिक सेवा परिषद,गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा, उत्तरांचल पंजाबी महासभा, गोरखा सेवा समिति, और अन्य कई प्रमुख संगठन शामिल थे।
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