खबर सच है संवाददाता
देहरादून। उद्यान विभाग के अपर निदेशक डा आरके सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं। डॉ सिंह पर कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत कार्य करने का आरोप है। शासन ने उन्हें कुमाऊं मंडल के आयुक्त कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। कुमाऊं के मंडलायुक्त को ही इस प्रकरण की जांच सौंपी गई है।
अपर निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण चौबटिया रानीखेत आरके सिंह जिनके विरूद्ध कतिपय शिकायत संज्ञान में आयी। जिनके सम्बन्ध में प्रथम दृष्टया जांच करते हुए आर के सिंह के विरुद्ध निम्नलिखित तथ्यों की पुष्टि होती है।
(1) प्रायः उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय चौबटिया में पदस्थ होने के बावजूद मुख्यालय से बाहर रहकर कार्य करने की निरन्तर प्रवृत्ति तथा मुख्यालय से अनुपस्थित पाया जाना। निदेशक, उद्यान द्वारा सौंपे गये पदीय दायित्वों का सम्यक निवर्हन न करना तथा निर्देशों की अवमानना कर प्रायः स्वेच्छाचारिता से कार्य करना
(2) यद्यपि निदेशक, उद्यान द्वारा औचक निरीक्षण किये जाने से पूर्व निदेशक की पूर्वानुमति प्राप्त किये जाने के निर्देश दिये गये थे तथापि सिंह द्वारा उक्त वर्णित निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया।
(3) आर के सिंह जी द्वारा विभाग में उनके निम्न स्तर के अधिकारियों को भी विभागीय कार्यों में सहयोग नहीं करने के लिए प्रेरित करना जिससे विभागीय कार्य नहीं हो पा रहे हैं तथा उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के नियम – 3 ( 1 ) 3 ( 2 ) एवं 5क (2) के विपरीत कार्य करना।
अतः उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुए आर के सिंह को उत्तरांचल सरकारी सेवक ( अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के नियम – 4(1) के अनुसार एतद्द्वारा तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
2 निलम्बन की अवधि में आआर के सिंह को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपातिक समायोजन प्राप्त नहीं था निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।
3 उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि आर के सिंह इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निलम्बन काल में आर के सिंह को आयुक्त कुमांऊ मण्डल उत्तराखण्ड नैनीताल कार्यालय में सम्बद्ध किया जाता है।
4 उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के नियम-7 एवं उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) (संशोधन) नियमावली, 2010 के अनुसार अनुशासनिक जांच में आरके सिंह के विरूद्ध शिकायतों की जांच करने हेतु दीपक रावत, आयुक्त कुमांऊ मण्डल नैनीताल को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है। कृपया जांच अधिकारी से अपेक्षा की जाती है कि आरके सिंह के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही यथाविधि एवं प्रक्रिया अनुसार पूर्ण कर जांच आख्या शासन को अधिकतम 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
उक्त जांच हेतु आयुक्त, कुमांऊ मण्डल, नैनीताल को आर के सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये लिखित उत्तर / अभिकथन एवं शिकायतों के समर्थन में पढ़े जाने वाले साक्ष्य संलग्न कर प्रेषित हैं एवं अपेक्षा है कि जांच कार्यवाही पूर्ण करने के उपरान्त जांच आख्या की दो प्रतियां मूलरूप में तथा जांच कार्यवाही से संबंधित मूल अभिलेख / साक्ष्य शासन को समयान्तर्गत उपलब्ध कराने का कष्ट करें।