बार संघ के अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने कहा की बिल में जोसंशोधन लाए जा रहे है वे अधिवक्ता समुदाय के हित में नहीं है, इसलिए तब तक प्रोटेस्ट करना होगा जब इसे वापस नहीं लिया जाता। सचिव संजय सुयाल ने कहा कि बिल अधिवक्ताओं की आज़ादी छीन रहा है। कहा की एसोसिएशन अब तक एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करती आ रहा है लेकिन अब केंद्र सरकार बिल के माध्यम से इसपर ऑब्जर्वर नियुक्त करने की कोशिश कर रही है जो बीसीआई के कार्य मे भी दखल देंगे और एसोसिएशनों को कंट्रोल करेंगे। कहा कि हड़ताल व प्रस्ताव वकीलों की फ्री वॉइस (अभिव्यक्ति की आजादी) होती है और उनकी इसी आज़ादी को छीन लिया जाएगा तो वो क्या करेगा इसे भी मिसकंडाक्ट में लाया जा रहा है। मनीष मोहन जोशी ने कहा कि क्या न्यायाधीशों द्वारा गलत फैसले देने पर भी शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी। अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार पाठक ने कहा की यदि उनकी मांगे नही मानी गयी तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल व आंदोलन को बाध्य होंगे।
सभा को वरिष्ठ अधिवक्ता ज्योतिप्रकाश बोरा, भगवत प्रसाद,बलवंत सिंह, अनिल बिष्ट, सुंदर ने संबोधित किया। इस दौरान अधिवक्ता प्रीति साह अनिल बिष्ट, भरत भट्ट, अखिल साह, पंकज सिंह बिष्ट, अशोक मौलखी, भानुप्रताप मौनी, मनीष कांडपाल, यशपाल आर्या, कमल चिलवाल, पंकज कुमार, शंकर चौहान, सुभाष जोशी, शिवांशु जोशी, निखिल बिष्ट, कैलाश बलुटिया, गिरीश चंद्र जोशी, तरुण चंद्रा, शारिक अली, नीरज गोस्वामी, चंद्रकांत बहुगुणा, निर्मल कुमार, पंकज कुमार, यशपाल आर्य, प्रमोद तिवाड़ी, मोहम्मद खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, राजेन्द्र भैसोड़ा, उमेश कांडपाल, दीपक दानू, कैलाश रावत, दीपक पांडेय, गौरव भट्ट, सरिता बिष्ट, तारा आर्या, मुन्नी आर्या, आकांक्षा आर्या, सिम्मी कपूर, भारती आर्या, किरन आर्या, जया आर्या आदि मौजूद रहे।