खबर सच है संवाददाता
देहरादून। राजधानी देहरादून में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ नारे के साथ कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी सचिव काजी निजामुद्दीन समेत कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।कैंडल मार्च कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से शुरू होकर घंटाघर स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर जाकर संपन्न हुआ।
इस मौके पर करन माहरा ने कहा कि बाबा साहब ने जो संविधान बनाया है उसमें भारत की जनता को सबसे बढ़ा अधिकार देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में वोट का अधिकार दिया। ताकि देश की जनता अपनी सरकार अपनी मर्जी से चुन सके लेकिन भाजपा सत्ता के बल पर संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बना रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भाजपा सरकार बाबा साहब के दिए गए वोट के अधिकार को चोरी कर रही है। कहा कि अब देश में किसी भी सूरत पर वोटों की चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस पार्टी संघर्ष के बूते वोटों की चोरी को रोकने का काम करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा वोटों की चोरी कई दिनों से हम अनुभव कर रहे थे, हर चुनाव में वोटों की चोरी दिखाई दे रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटों में हेराफेरी चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत से की जा रही थी।लेकिन अब पता चल चुका है कि इस संगठित वोटों की चोरी में चुनाव आयोग कहीं ना कहीं लिप्त है। हरीश रावत ने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट से पता चल गया है कि किस तरह से वोटों में हेराफेरी को अंजाम दिया गया।
हरीश रावत ने दावा किया कि कांग्रेस ने महादेवपुरा को छोड़कर बेंगलुरु सेंट्रल की सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की लेकिन महादेवपुरा एक लाख से अधिक वोटों से चुनाव हार गई।कहा कि ऐसे न जाने देश में कितने सेंट्रल बेंगलुरु की तरह होंगे,जहां वोटों मे हेराफेरी की गई होगी। उन्होंने कहा कि पांच तरीकों से वोटों में हेराफेरी को अंजाम दिया गया। कई जगहों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां पाई गई। हरीश रावत का कहना है कि चुनाव आयोग ने जिनको मृत घोषित करके नाम काटे, वह सब लोग कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चाय पीते हुए नजर आए।




