खबर सच है संवाददाता
नगालैंड। बीते दिनों हुए हमले में एक जवान सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी। शहीद जवान टिहरी का निवासी था जिसका पार्थिव शरीर आज गांव पहुंचा। बता दें कि इस मामले में डीजीपी ने जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार सेना की गलती समाने आई है। बताया जा रहा है कि नगालैंड के मोन जिले में शनिवार को एक पिकअप ट्रक पर गोलीबारी करने से पहले सेना ने उसमें सवार लोगों की पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की। डीजीपी टी जॉन लोंगकुमेर और आयुक्त रोविलातुओ मोर की संयुक्त रिपोर्ट में यह बात सामनेे आई है। वहीं दोनों शीर्ष अधिकारियों ने चश्मदीदों के हवाले से कहा कि ग्रामीणों ने पाया कि सेना के विशेष बल 6 लोगों के शव अपने आधार शिविर में ले जाने के इरादे से लपेटकर, एक पिकअप वैन में डालकर छिपाने की कोशिश कर रहे थे।
रिपोर्ट में खुलासा : उनकी पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की गई, रिपोर्ट में कहा गया कि 4 दिसंबर को शाम 4:10 मिनट के आसपास, 8 ग्रामीण तिरु स्थित कोयले की एक खान से पिकअप ट्रक में घर लौट रहे थे। तभी उन पर आचनक ही असम में स्थित 21 वीं पैरा स्पेशल फोर्स ने हमला किया। ग्रामीणों ने सेना पर हत्या का आरोप लगाया। वस्तुत: उनकी पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की गई थी।अधिकारियों ने बताया कि सभी ग्रामीण निहत्थे थे और कोयले की खान में काम करते थे। उनमें से 6 की मौत मौके पर ही हो गई थी और दो गंभीर रूप से घायल हुए थे। रिपोर्ट में बताया कि गोलियों की आवाज सुन कर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। वहां पहुंचने पर उन्होंने एक पिकअप ट्रक देखा और विशेष बल के कर्मी 6 शवों को लपेटकर उन्हें ट्रक में चढ़ा रहे थे। आरोप है कि वो शवों को उनके शिविर ले जाने के इरादे में थे। कहा गया कि शवों को तिरपाल में लिपटा देख गांववालों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हो गई। गुस्साए लोगों ने सुरक्षा बलों के 3 वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षा बलों ने फिर गांववालों पर गोलियां चलाईं, जिससे 7 ग्रामीण मारे गए।चश्मदीदों ने पुष्टि की है कि विशेष बलों के जवानों ने घटनास्थल से असम की ओर भागते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं और यहां तक कि रास्ते में कोयला खदान की झोपड़ियों पर भी उन्होंने गोलीबारी कर दी।