खबर सच है संवाददाता
पौड़ी। मंगलवार देर रात उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुए बस हादसे में शादी की खुशियां मातम में बदलने के साथ ही अब तक 32 बारातियों की जान जा चुकी है जबकि 18 लोग घायल हुए है। अपने 32 करीबियों की खोने के बाद सदमे में आये दूल्हा शादी करने से इंकार करते हुए बिना फेरे लिए ही घर वापस लौट आया।
बताते चलें कि मंगलवार 4 अक्टूबर की रात्री लगभग 8 बजे एसडीआरएफ को धुमाकोट क्षेत्रान्तर्गत वीरोंखाल के पास सिमड़ी गांव में एक बारात की बस खाई में गिरने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत मणिकांत मिश्रा, सेनानायक एसडीआरएफ द्वारा श्रीनगर, कोटद्वार, खैरना, सतपुली व रुद्रपुर से एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमें को घटनास्थल पर रेस्क्यू कार्यों हेतु निर्देशित किया गया। उक्त बस में सवार यात्री बारात में गए थे जो कि लालढांग हरिद्वार से काड़ा गांव वापिस आ रहे थे, जिसमें लगभग 45-50 लोग सवार थे। वीरोंखाल से आगे सिमड़ी गांव के पास मोड़ काटते समय बस अचानक अनियंत्रित होकर 500 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस व लोगों द्वारा 9 लोगों को निकाल लिया गया था, जिसमे से 6 घायलों को बीरोंखाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है व 1 गंभीर घायल को कोटद्वार हेतु रेफर किया गया है। अन्य 2 व्यक्तियों की स्थिति सामान्य है। एसडीआरएफ रेस्क्यू टीमों द्वारा रात्रि के घनघोर अंधेरे व अत्यधिक विषम परिस्थितियों में लगभग 500 मीटर गहरी खाई में रोप बांधकर उतरा गया जहाँ से स्ट्रैचर द्वारा एक- एक कर के घायलों व मृतकों को निकाला गया। मंगलवार से लगातार चल रहे रेस्क्यू कार्य में इंस्पेक्टर बालम सिंह बजेली, एसडीआरएफ के नेतृत्व में रेस्क्यू टीमों द्वारा एनडीआरएफ, फायर सर्विस, सिविल पुलिस व अन्य के साथ समन्वय स्थापित करते हुए रेस्क्यू कार्य किया गया। एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम रिखणीखाल, धुमाकोट में गतिमान रेस्क्यू कार्य पूर्ण करते हुए 30 मृतकों व 20 घायलों को निकाला गया। 20 घायलों में से 2 व्यक्तियों की हॉस्पिटल ले जाते समय मृत्यु हो गई थी।