खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। पुलिस ने थाना मुखानी में घटित पार्थ हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए हत्याकांड के आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि मैंगी खाने को लेकर हुए विवाद के बाद एलएलबी के छात्र पार्थ की हत्या कर दी।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना स्थल के आस पास के लगभग 120-150 सीसीटीवी कैमरों को चैक करने पर घटनास्थल पहुचने से पूर्व मृतक पार्थ राज सिंह सामन्त व उसका दोस्त सिद्धार्थ उर्फ सिद्ध उर्फ सैमुअल व मंयक कन्याल, कमल रावत 04 लोग दिखाई दिये। जिसमें करीब रात्रि 11.15 बजे सिद्धार्थ अपनी मोटर साइकिल से घर जाते हुये दिखाई दिया। घटनास्थल के आस पास के सीसीटीवी कैमरों का गहनता से चैक किया गया तो 01 नवंबर 2023 की सुबह करीब 03.15 बजे मृतक पार्थ की कार से पार्थ के अलावा उसका दोस्त मंयक व अभियुक्त कमल रावत आता दिखाई दिया और थोडी देर बाद समय करीब 03.22 बजे मयंक कन्याल भी घटना स्थल से अपने घर जाता दिखाई दिया। मृतक पार्थ के साथ अन्तिम समय तक अभियुक्त कमल रावत उर्फ भदुवा ही मौजूद रहा। घटना के सम्बन्ध मे मंयक कन्याल के पूछताछ करने पर पता चला कि कमल रावत ही लास्ट तक पार्थ के साथ था व उसके द्वारा ही पार्थ राज सिंह सामन्त की हत्या की गयी, जो कि फरार चल रहा था। जिसे मुखबिर की सूचना पर बुधवार (आज) देर शाम भाखडापुल के पास से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर अभियुक्त ने बताया कि मैं (कमल रावत) व पार्थ राज सिंह सामन्त, सिद्धार्थ व मंयक कन्याल दोस्त है व हम सभी लोग शराब, स्मैक व डौरेक्स (मेडिकल नशा) आदि का नशा करते है। 31 नवंबर 23 की शाम को मै, मयंक कन्याल, सिद्धार्थ व मृतक पार्थ राज सिंह एक साथ थे व उसके बाद हम मृतक पार्थ राज सिंह सामन्त का फोन लेने तिकोनिया हल्द्वानी गये उसके बाद हमने कई जगहों पर स्मैक, शराब व डौरेक्स का नशा किया फिर सिद्धार्थ उर्फ सैमुअल उर्फ सिद्धू को उसकी मोटर साइकिल के पास छोड दिया। वह अपने घर चला गया। उसके बाद जब हम तीनों (कमल रावत, मंयक कन्याल, मृतक पार्थ राज सिंह सामन्त) को भूख लगी तो हम लोग पार्थ की कार से रोडवेज पहुँचे। वहां की दुकाने बंद होने के कारण मुखानी चौराहे पर पहुँच कर चाय की दुकान में बंद अण्डा, मैगी व लस्सी पी जब उसके लिये मैगी आयी तो मजाक में मैने उसकी मैगी में स्पंज डाल दिया, जिससे वह मुझे गाली देने लगा तथा जब नशे में मेरे हाथ से उसकी कार में लस्सी गिर गयी तो वह मुझसे कहने लगा साले दिखाई नही दे रहा है यह क्या कर दिया। उसने मेरी वाली मैगी खायी व मैने स्पंज रखी वाली मैगी खायी जिसके बाद हम फिर हम तीनो कार से आर के टैण्ट हाउस वाली गली मे वृन्दावन विहार खाली प्लाट मे पहुँचे जहाँ मंयक ने पार्थ को स्मैक की पुडिया दी और पार्थ ने उसे 500 रुपये दिये मंयक ने पार्थ को स्मैक पिलाई। उसके बाद मंयक मुझे सुबह ड्यूटी जाना है कह कर घर चला गया उसके जाने के बाद पार्थ मुझे गाली देते हुये कहा कि तुझे कहा छोडना है व गन्दी गन्दी गालिया देने लगा। मैं पार्थ को गाली ना दे बार बार कह रहा था लेकिन पार्थ चुप नही हो रहा था और लगातार माँ बहन की गाँलिया देते जा रहा था। मुझे गुस्सा आ गया और मैने उसका मुँह चुप कराने के लिये उसका नाक व मुँह को अपने हाथ से बंद कर दिया उसके बाद भी वह मुझे लगातार गाली दे रहा था। जिस पर मेरा गुस्सा बढ़ गया और मैने हाथ से उसका गला भी दबा दिया। जिससे वह शांत हो गया मुझे लगा कि पार्थ नशे के कारण बेहोश हो गया या सो गया है फिर मैने उसकी ड्राइविंग सीट को पूरा पीछे लिटाया और पार्थ के दोनो हाथ पकड कर ड्राइविंग सीट पर लिटा दिया व मैंने फिर से स्मैक पी मुझे बहुत नशा हो गया था और मैं गाडी की अगली सीट पर सो गया सुबह जब धूप मेरी आँखो पर पडी तब है उठा तो मैंने पार्थ को काफी हिलाया उठाया लेकिन पार्थ ने कोई हरकत नहीं कि मुझे घबराहट होने लगी मुझे समझ नही आ रहा था मुझे पसीना आने लगा मैने अपने कपडे चैज किये फिर मौका देखकर पार्थ का फोन कार में ही छोडकर व कार के शीशे बंद कर अपने कपडे लेकर वहा से चला गया पार्थ की दोस्त आकांशा व मंयक का फोन आने पर मैने पार्थ के साथ हुयी घटना को छुपाते हुये कहा कि पार्थ ने मुझे घर छोड दिया था और चला गया था। दो तीन दिन बाद मुझे पता चला की पार्थ की मौत नशे के ओवर डोज से हुयी है तो मैं निश्चिन्त हो गया पर जब मुझे पता चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पार्थ की हत्या होना आया है तो मैं डर गया और कल हरिद्वार भागने की फिराक में था मैं पहले भी हरिद्वार में रह चुका हूँ पर मुझे पता था पुलिस मुझे तलाश कर रही है इस लिये मै अलग अलग साधनो मे भाखडा पहुँचा था पर मुझे पकड़ लिया।
अभियुक्त की गिरफ्तारी में निरीक्षक हरेन्द्र चौधरी (प्रभारी निरीक्षक हल्द्वानी), उपनिरीक्षक प्रमोद पाठक (थानाध्यक्ष मुखानी / विवेचक), उपनिरीक्षक विमल मिश्रा (थानाध्यक्ष काठगोदाम), उपनिरीक्षक नीरज भाकुनी (थानाध्यक्ष वनभूलपुरा), उपनिरीक्षक दीवान सिंह ग्वाल (चौकी प्रभारी आम्रपाली), उपनिरीक्षक संजीत राठौर (चौकी प्रभारी आर.टी.ओ), कांस्टेबल महबूब अली, धीरज सूगडा, चन्दन नेगी, रविन्द्र खाती, जीवन कुमार एवं अनूप तिवारी शामिल थे।