खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। उच्चतम न्यायालय में रेलवे पीड़ितों का मामला देख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त भूषण हल्द्वानी पहुँचे। यहां उन्होंने रेलवे द्वारा बताई जा रही जमीन का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी भी मौजूद रहे।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण मतीन सिद्दीकी के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल ना होने के चलते आज वर वधु को आशीर्वाद देने के लिए हल्द्वानी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रेलवे प्रकरण भूमि का ग्राउंड जीरो पर निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे प्रकरण भूमि पर काफी सरकारी निर्माण हुए हैं। जिसमे सरकारी स्कूल ट्यूबवेल बैंक आगनबाड़ी तथा काफी पुरानी मंदिर मस्जिद धर्मशाला भी बनी हुई हैं। साथ ही पचास से सौ साल तक की पुरानी आबादी है।प्रशांत भूषण के द्वारा कहा गया कि हाई कोर्ट का एक पक्षी निर्णय था जिस पर उच्चतम न्यायालय के द्वारा रोक लगाई गई है ग्राउंड जीरो पर देखने से प्रतीत होता है कि रेलवे को इतनी जमीन की आवश्यकता नहीं है जितनी की बताई जा रही है तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट इस इस मामले में जमीनी सच्चाईयों को भी ध्यान में रखते हुए अपना निर्णय देगा। उन्होंने कहा कि हमे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट रेलवे प्रकरण से पीड़ित लोगों के हक में फैसला करेगी। वहीं समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि जिन वरिष्ठ वकीलों के लिए कई कई दिन लोग टाइम लेने के लिए खड़े रहते हैं ऐसे सीनियर वकील मेरे घर आकर बच्चों को आशीर्वाद देने आए और रेलवे प्रकरण में मानवता को दृष्टिगत रखते हुए हर संभव न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।