खबर सच है- संवाददाता
देहरादून। पहले से कई ऐशियाई देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहे है तो माना जा रहा है कि कई पश्चिमी देशों में चौथी लहर भी आ चुकी है। ऐसे में भारत अछूता रहेगा, यह मान लेना सही नही होगा। पहली लहर के दौरान इसने मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित किया, दूसरी लहर में युवाओं को अपना शिकार बनाया और अब तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की ज्यादा आशंका है।
जिससे निपटने के लिए श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल ने पूर्व तैयारी के तहत 55 ऑक्सीजन बेड, 35 हाईफ्लो आक्सीजन बेड व 10 आईसीयू बेड का वार्ड तैयार करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। संदिग्ध कोविड उपचार के बच्चों का अलग से वार्ड तैयार करने के साथ ही बाल रोग विभाग की ओर से शिशुओं के लिए 90 बेड बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनिल कुमार धवन ने बताया कि तीसरी लहर को मास्टर प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। बच्चों में कोरोना संक्रमण की बढ़ोत्तरी होने पर अस्पतालों को बेसिक दिशा निर्देश के साथ ही शासन, प्रशासन एवं विभाग के समन्वय से निमय बदले जा रहे हैं। अस्पताल में तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई है। बच्चों को भर्ती के दौरान परिवार के एक सदस्य को ही अस्पताल में रहना होगा। एम्बुलेंस व आवश्यक संसाधनों समेत 20,000 किलोग्राम क्षमता का ऑक्सीजन टैंकर अस्पताल में मंगवा लिया गया हैं। एनआईसीयू और पीआईसीयू में उपकरणों को सुसज्जित करने के साथ ही विशेषज्ञों की तैनाती भी की जा रही हैं। चिकित्सालय में कार्यरत बाल रोग चिकित्सक के अनुसार बच्चों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बड़ों की अपेक्षा कम रहती है, लेकिन भारत में छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन नही हो पाने से तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की सम्भावनाएं प्रबल कारण है।
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