याद आता है वो समय जब विधानसभा चुनाव 2017 में अपनो ने ही किले बंदी कर आयरन लेडी डॉ इंदिरा के रास्ते रोकने की कोशिश की थी, क्योंकि डॉ इंदिरा सिर्फ राजनीती की कुशल नहीं वरन प्रदेश नेतृत्व के लिए भी शीर्ष पर थी। लिहाजा कांग्रेस के ही लोगो को लगने लगा था कि डॉ इंदिरा जीती तो प्रदेश नेतृत्व की प्रबल दावेदार होगी, बावजूद उनकी जीत हुई लेकिन दुर्भाग्य से एक-दूसरे की रस्सा-कसी में कांग्रेस ही पिछड़ गई और भाजपा ने बहुमत से ज्यादा सीटें लेकर सरकार बनाई। हालात आज भी नहीं बदले अंहकार में चूर कांग्रेस के सिपहसलार एक-दूसरे को नीचा दिखाने में उसी परिस्थिति में जमे रहें। परिणाम सबके सामने है।
बहरहाल प्रशन्नता इस बात की है कि जिस सीट पर माँ ने 6 हजार से विजय प्राप्त की उसी सीट पर सुमित अपने प्रतिद्वंद्वी को 8 हजार से अधिक बोटो से हराते हुए जिले में जहां प्रदेश कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज धराशाई हो गए, एक मात्र सीट जीत सुपर हीरो साबित हो गए। आज के इस परिणाम को देख अगर यह कहे कि भविष्य में सुमित आयरन लेडी की तरह ही कुशल राजनायक बनेगा तो इसमें भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।