
खबर सच है संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। हरिद्वार नगर निगम में सामने आए भूमि घोटाले में सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों समेत कुल दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जबकि पहले ही दो अधिकारियों का सेवा विस्तार समाप्त किया जा चुका है।
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों और “जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन” की नीति के तहत की गई है। प्रकरण की जांच रिपोर्ट के आधार पर सतर्कता (Vigilance) विभाग को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच सौंप दी गई है, ताकि पूरे घोटाले कीगहराई तक जाकर सभी दोषियों की भूमिका स्पष्ट हो सके और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
बतातें चलें कि हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय क्षेत्र में कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त 2.3070 हेक्टेयर भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदने का मामला सामने आया था। ज़मीन की वास्तविक उपयोगिता और वैल्यू पर सवाल उठने लगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए। इस जांच में सामने आया कि इस सौदे में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और प्रक्रियात्मक लापरवाहियां हुईं। प्रारंभिक रिपोर्ट सचिव रणवीर सिंह चौहान द्वारा तैयार कर 29 मई को शासन को सौंपी गई थी, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री ने सख्त निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री धामी ने नगरनिगम हरिद्वार के तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान हुए सभी कार्यों की विशेष ऑडिट कराए जाने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे अन्य किसी भी प्रकार की अनियमितता का खुलासा किया जा सके। साथ ही घोटाले से संबंधित विक्रय पत्र (Sale Deed) को निरस्त करते हुए भूस्वामियों से दी गई धनराशि की वसूली के भी निर्देश दिए गए हैं।
अब तक निलंबित किए गए अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी एवं तत्कालीन प्रशासक, नगर निगम हरिद्वार, वरुण चौधरी –तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार, अजयवीर सिंह – तत्कालीन उप जिलाधिकारी हरिद्वार, निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार, विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक, राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार, कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार शामिल है।
जबकि पूर्व में हो चुकी कार्रवाई में आनंद सिंह मिश्रवाण – प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित),लक्ष्मीकांत भट्ट – कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित), दिनेश चंद्र कांडपाल– अवर अभियंता (निलंबित), रविंद्र कुमार दयाल – प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त), वेदपाल – सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त) पूरे मामले की जांच सतर्कता विभाग के अधीन चलेगी। दोषियों की विस्तृत पहचान और आर्थिक नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जाएगी। नगर निगम हरिद्वार के सभी वित्तीय कार्यों की ऑडिट करवाई जाएगी।


