खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने फतेहपुर स्थित ब्रिटिश कालीन 52 डाठ नहर के जीर्णोद्धार कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही कहा कि 40 लाख से नगर के सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है। नहर के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा होने से यह क्षेत्र पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा। जिससे क्षेत्र के लोगों की सिंचाई की समस्या के समाधान के साथ ही पर्यटकों के आवागमन से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
बताते चले कि बावन डांट नहर का निर्माण अंग्रेजों द्वारा ब्रिटिश काल में किया गया था, नहर में 52 पिलर है लिहाज़ा नाम दिया गया बावन डांट, इस नहर की लंबाई करीब 1 किलोमीटर के आस पास है जो फतेहपुर से लामाचौड़ तक गुज़रती है और कई दर्ज़न गांवो की खेती को सिचाई के लिये भाखड़ा नदी से पानी उपलब्ध कराती है। ब्रिटिश काल में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप ब्रिटशर्स द्वारा नहर का निर्माण किया गया था जो आज भी प्रासंगिक हैं। नहर का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि नहर के पुनरुद्धार कार्य आज भी प्रासंगिक है। इससे बरसात के दिनों में लामचैड क्षेत्र को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा। 52 डाट नहर के पुनरुद्धार व सौन्दर्यकरण के लिये जिलाधिकारी द्वारा जिला योजना से रुपये 78 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। स्वीकृत धनराशि में से प्रथम किश्त रुपए 39 लाख का हस्तांतरण कार्यदायी संस्था कुमाऊँ निर्माण विकास निगम को किया गया है व निर्माण कार्य गतिमान है।
नहर का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था को गुणवत्ता व मानक का विशेष ध्यान रखते हुए पारदर्शिता से निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही यथाशीघ्र नहर की सफाई करने को कहा जिससे स्थानीय जन पर्यटन के दृष्टिकोण से इसका लुत्फ उठा सके व इसका महत्व समझ सके। कहा कि यह ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ पर्यटन का केन्द्र भी है।जिलाधिकारी ने कहा कि फॉरेस्ट से संबंधित आपत्तियों को वार्ता कर जल्द ही निस्तारित किया जाएगा। इस दौरान विधायक पुत्र विकास भगत, पूर्व प्रधान चंदन पोखरिया, कुमाऊ मंडल विकास निगम के अवर अभियंता संजय जोशी एवं आर्किटेक्ट रक्षित कुमार मौजूद रहे।