खबर सच है संवाददाता
देहरादून: एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस में सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग उठने लगी है। और अब इसे तूल दिया है उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने। 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन कांग्रेस के अंदर सीएम के चेहरे को लेकर द्वन्द खत्म होने का नाम ही नहीं लेता।
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https://khabarsachhai.com/2021/06/18/now-former-and-current-chief-ministers-face-to-face-on-kovid-investigation-fraud/उत्तराखंड से एकमात्र कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि उत्तराखंड में हरीश रावत के कद का एक भी चेहरा नही हैं। बीजेपी व कांग्रेस में उनके मुकाबले का कोई भी नहीं है। लिहाजा मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस आलाकमान को हरीश रावत को ही सीएम का चेहरा बनाने पर विचार करना चाहिए। इंदिरा हृदयेश जब जीवित थीं तो उनके कद और अनुभव का सम्मान था और पार्टी भी दोनों नेताओ को बराबर तरजीह देती थी। लेकिन उनके दुःखद निधन के बाद अब मौजूदा परिस्थितियों पर पार्टी को पुनः विचार करना चाहिए।
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गौरतलब हो कि विगत 12 जून को दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव के नेतृत्व में कांग्रेस की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में निर्णय हुआ था कि 2022 का उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव कांग्रेस किसी एक को सीएम उम्मीदवार न बना के बल्कि सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। और इस निर्णय के साथ ही उत्तराखंड में कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार की थी।
कांग्रेस पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव में हार की वजह को जानने के लिए अशोक चव्हाण कमेटी का गठन किया था जिसने अपने रिपोर्ट में ये कहा था कि राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय चेहरा न होना भी हार का कारण हैं। जिसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार चेहरा देने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में बीते शनिवार को बैठक खत्म होने के बाद भी हरीश रावत ने अशोक चव्हाण कमेटी का जिक्र करते हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव में चेहरा देने की मांग की थी।
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