खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। 38 साल पहले सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान एवलॉंच में शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बाेला के पार्थिव शरीर का रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई और दोनों बेटियों ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
इससे पहले शहिद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बाेला का पार्थिव शरीर जैसे ही सैनिक मातमी धुन के साथ उनके घर पहुंचा पूरा माहौल गमगीन सा हो गया। शहीद की पत्नी शांति देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को देखकर रो पड़ी तो वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखों में गम के आंसू देखने को मिले। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने शहीद चंद्रशेखर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नारो से गुंजायमान कर दिया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्य, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, महापौर डॉ जोगेंद्र सिंह रौतेला, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, डीएम नैनीताल धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट, एसडीएम मनीष कुमार समेत अनेको लोगों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।
शहिद की अंतिम यात्रा में सम्मिलित होने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि शहीद चंद्रशेखर को हमेशा याद रखा जाएगा और देश के लिए बलिदान करने वाले उत्तराखंड के वीर शहीदों के लिए सैन्य धाम की स्थापना भी की जा रही है। शहीद चन्द्रशेखर की स्मृतियों को भी सैन्यधाम में संजोया जायेगा। साथ ही 38 साल पहले ही लापता उत्तराखंड के अन्य सैनिकों को खोजने की भी उम्मीद जगी है। इसके लिए भारत सरकार से भी बात की जाएगी कि अन्य लापता जवानों की भी खोजबीन की जा सके।