खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। देहरादून-ऋषिकेश मार्ग पर रानीपोखरी में पुल के टूटने के बाद अब हल्द्वानी गौलापार के मध्य बने गौला पुल पर मंडराते खतरे को लेकर शासन ने गंभीरता दिखाते हुए लोनिवि के प्रमुख अभियंता से रिपोर्ट तलब की है। मंगलवार दोपहर एसडीएम हल्द्वानी मनीष कुमार सिंह व एनएचएआइ के ब्रिज इंजीनियर परशुराम ने भी नदी में उतरकर पुल के पिलरों का निरीक्षण किया। एनएचएआइ का कहना है कि बारिश सीजन खत्म होते ही सेफ्टी वॉल दोबारा बनाई जाएगी।
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वन विभाग भले पुल के आसपास अवैध खनन की घटना से इन्कार करता है, लेकिन एनएचएआइ का कहना है कि अवैध खनन की वजह से ही सुरक्षा दीवार टूटी होगी। ब्रिज इंजीनियर परशुराम ने बताया कि वन विभाग के साथ पुलिस को भी इस बाबत पत्र लिखा जाएगा। 13 साल पहले जब पुल टूटा था, तब लोनिवि की जांच रिपोर्ट में अवैध खनन को ही जिम्मेदार ठहराया गया था।
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बताते चले कि 364.76 मीटर लम्बें गौला पुल को पहले उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने बनाया था। जुलाई 2008 में पुल टूटने के बाद वुडहिल इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड ने इसे बनाया। बाद में तीनपानी-काठगोदाम हाईवे चौड़ीकरण का हिस्सा होने के कारण फरवरी 2021 में पुल भी एनएचएआइ को ट्रांसफर कर दिया गया था। तीन चरण में इस पर 19.77 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
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