खबर सच है संवाददाता
गढीनेगी। चार दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव एंव विराट धर्म सम्मेलन धूमधाम से सम्पन्न होने के बाद आज प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु को श्री हरि कृपा धाम आश्रम गढीनेगी से हज़ारों भक्तों ने बहुत ही भावपूर्ण अश्रुपूरित विदाई दी। श्री महाराज जी ने आज राजस्थान की ओर प्रस्थान किया। इस दौरान श्री महाराज की भी आँखों में आँसू दिखाई दिए। भावुक होकर उन्होंने अपने गढीनेगी व उत्तराखण्ड के प्रवास को अविस्मरणीय बताया तथा चार दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन के निर्विघ्न संपन्न होने में असंख्य भक्तों के साथ-साथ शासन व प्रशासन को भी धन्यवाद कहा।
बताते चलें कि ऊधमसिंह नगर के गढीनेगी में चार दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव एंव विराट धर्म सम्मेलन बेहद धूमधाम के मनाया गया था। जिसमें बिना किसी भेदभाव के रोज़ हज़ारों भक्त सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने देवभूमि व यहाँ के वासियों की प्रशंसा व महिमा का बखान करते हुए सभी का आवाहन किया कि कृपया सभी समस्त प्रकार की संकीर्णताओं व मतभेदों को त्यागकर आपसी प्रेम, एकता, सद्भाव व सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखें तथा इस पवित्र भूमि की मर्यादाओं, मूल्यों, विरासतों व ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धार्मिक धरोहरों के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान अवश्य दें। उन्होंने कहा कि गया हुआ समय फिर वापिस नहीं लौटता। समय बड़ा अनमोल है। भूतकाल से प्रेरणा लो, हो चुकी गल्तियों को सुधारें, भविष्य के लिए योजना चाहे बनाए, बनाते ही न रह जाएँ लेकिन वर्तमान के हर क्षण का सदुपयोग करें, दुरुपयोग तो कदाचित् भी नहीं। समय रहते समय का महत्व समझें तथा एक क्षण भी व्यर्थ के चिंतन, क्रियाकलाप अधिकांशतः हम अपने मतलब से समय का महत्व स्वीकार करते हैं जहां करना चाहिए वहाँ नहीं । समय पर विवाह न हो, संतान न हो, रोज़गार न लगे, वर्षा न हो तो हमें बुरा लगता है लेकिन समय रहते जीवन के परम सत्य को स्वीकार करके धर्मानुसार भक्ति परिपूर्ण परोपकारी जीवन जीने की कोशिश नहीं करते। समय का सम्मान न करने वाले कभी सम्मान के पात्र नहीं बन पाते। सम्पूर्ण वातावरण बहुत ही भावुक हो गया तथा सदगुरूदेव भगवान की जय, कामां के कन्हैया की जय, लाठी वाले भैय्या की जय व हरेश्वर महादेव की जय जयकार से गूंज उठा।