खबर सच है संवाददाता
नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट घराना अडानी ग्रुप, जिसने मुकेश अंबानी की रिलायंस को झटके में पीछे छोड़ दिया था, उसे अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट ने मात्र 9 दिनों में 45 फीसदी तक ढहा दिया। जिसके बाद अब आरबीआई ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले बैंकों से कर्ज की जानकारी मांगी है।मुमकिन है आने वाले दिनों में बाजार रेगुलेटर सेबी की ओर से भी जांच के बयान आ जाएं, क्योंकि दुनिया के बैंक भी अडानी ग्रुप की कंपनियों पर हाथ डालने से बचते हुए दिख रहे हैं। स्विस एजेंसी क्रेडिट स्विस ने अडानी ग्रुप कंपनियों के बांड लेने इनकर कर दिया है। वहीं कंपनियों के नोट्स को भी जीरो लैंडिंग वैल्यू दी है। ऐसे में अडानी ग्रुप की कंपनियों की साख में लगातार गिरावट देखने मिल रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। आज ग्रुप की कई कंपनियों में 5 और 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा है। अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर भी आज के लो के साथ 47 फीसदी से ज्यादा डाउन हो चुके हैं। सबसे ज्यादा नुकसान अडानी टोटल गैस 56 फीसदी तक हो चुका है। ग्रुप की 9 लिस्टिड कंपनियों में 5 कंपनियों के शेयर 24 जनवरी के बाद से 40 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं। वहीं अडानी ग्रुप को 24 जनवरी के बाद से 2 फरवरी को कारोबारी सत्र के दौरान तक 24 फीसदी तक का नुकसान हो चुका है। अडानी ट्रांसमिशन, अडानी इंटरप्राजेज अडानी ग्रीन के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है। 24 जनवरी को अडानी ग्रुप कंपनियों का कुल मार्केट कैप 19,16,560.93 करोड़ रुपये था, जो कारोबारी सत्र के दौरान 10,51,802 करोड़ रुपये पर रह गया है। इसका मतलब है कि इस दौरान ग्रुप को 7,91,778.64 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ज्ञात हो कि 24 जनवरी 2023 एक हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें गौतम अडानी के अरबों डॉलर के ग्रुप के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद अडानी को 48 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि अडाणी ग्रुप की सभी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। यही नहीं उन्होंने अडाणी ग्रुप पर शेयर में हेराफेरी का भी आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग ने अडाणी कंपनी को लेकर अपनी रिसर्च में 3 बड़े आरोप लगाए हैं, जिसके चलते अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर पहला आरोप लगाया है कि अडाणी की कंपनियों का प्राइज अर्निंग रेश्यो दूसरी कंपनियों से काफी ज्यादा उसने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमत उसी सेक्टर में बिजनेस करने वाली दूसरी कंपनियों की तुलना में 85% तक ज्यादा है। वही अड़ानी ग्रुप पर दूसरा आरोप है कि शेयर मार्केट में हेराफेरी करके अपने शेयरों की कीमत बढ़वाई है। अडानी ग्रुप पर तीसरा सबसे बड़ा आरोप है कि कंपनी पर 2.20 लाख करोड़ से ज्यादा का भारी कर्ज है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियों ने अपनी हैसियत से ज्यादा कर्ज ले रखा है।