खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रेलवे भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश के बाद शुरू हुई कार्रवाई का पहले दिन ही विरोध हो गया। बड़ी संख्या में लोगों सड़कों पर उतर कर विरोध जताते हुए उजाड़े जाने से पूर्व विस्थापित करने की मांग करने लगे।
बताते चलें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे भूमि की 78 एकड़ भूमि से 4365 घर प्रभावित होंगे। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बुधवार की सुबह नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यहां विरोध शुरू हो गया। विरोध में बच्चों से लेकर बूढ़े तक सडक़ों पर उतरे हुए हैं। उन्होंने अतिक्रमण की कार्रवाई को गलत बताया। आंदोलन कर रहे लोग मांग करने लगे कि जब उनके पास पट्टे हैं, रजिस्ट्री है तो फिर ऐसे में जमीन रेलवे की कैसे हो सकती है। रेलवे अतिक्रमण को लेकर हो रहे प्रदर्शन में लोगों के साथ विधायक सुमित हृदेश, अब्दुल मतीन सिद्दीकी व शोएब अहमद भी धरने पर बैठे। रेलवे बाजार, ताज चौराहा और आसपास की दुकानें बंद रही। लोगों का कहना है कि अगर उनके घर उजाड़ दिए जाते हैं तो हम कहा जाएंगे। कहा कि पिछले कई दशकों से हजारों की संख्या में परिवार बसे हुए हैं, लेकिन आज उन्हें उजाड़ने का काम किया जा रहा है। इससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य भी खतरे में आ जाएगा। लोगों का कहना है कि उजड़ने वाले लोगों में बच्चें, महिलाएं और बुजुर्ग भी काफी बड़ी संख्या में है। ऐसे हालात में वह लोग अपने सिर को कहां छिपाएंगे। इधर विरोध के बीच किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन चौकस रहा। क्षेत्र पूरी तरह छावनी में तब्दील रहा।
इस बीच रेलवे व राजस्व विभाग के नक्शे का मिलान करने के उपरांत अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी ने कहा कि न्यायालय के आदेश के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत प्रारंभिक तौर पर भूमि में काबिज लोगों को नोटिस दिए जाएंगे आपैर मुनादी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि रेलवे चिन्हीकरण के काम को एक– दो दिनों में पूरा किया जाएगा। जिसके बाद भूमि को खाली कराने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बताया कि रेलवे और राजस्व के नक्शों का मिलान कर कहीं 400, 600 तो कहीं 800 फिट की दूरी नापी गई है। इसके तहत मुनादी और पब्लिकेशन की सटीकता के लिए आज की कार्यवाही हुई है।