खबर सच है संवाददाता
हल्द्वानी। पौष माह के प्रारंभ होते ही उत्तराखंड में शुरू हो गया सार्वजनिक स्थान एवं घर-घर में बैठकी होली का आगाज।
संस्कृतिकर्मी गौरीशंकर काण्डपाल ने बताया कि संपूर्ण उत्तराखंड में बैठकी होली का प्रारंभ पौष माह के पहले रविवार से प्रारंभ हो जाता है। आज से ही संपूर्ण उत्तराखंड में लोग मंदिरों में या फिर किसी सार्वजनिक स्थान पर या घर पर बैठकर होली गायन करते हैं। अपनी संस्कृति को बचाने और उसे भावी पीढ़ी तक सफलतापूर्वक हस्तांतरित करने का यह सबसे बड़ा आधार और माध्यम होती है। संस्कृतिकर्मी गौरीशंकर काण्डपाल द्वारा पौष के पहले रविवार को अपने ही घर पर बैठकी होली का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने अपने सुपुत्र के साथ हुड़के और ढपली की थाप पर “सिद्धि को दाता विघ्न विनाशक, होली खेले गिरिजापति नंदन” गणेश वंदना के बाद शिव को समर्पित “शिव के मन माहि बसे काशी” होली गायन किया। इस दौरान होली कार्यक्रम में अनेकों लोग मौजूद रहें।