खबर सच है संवाददाता
देहरादून। कैग ने उत्तराखण्ड के संदर्भ में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास वर्ष 2019-20 में अपने खातों में पर्याप्त नगद राशी होने के बावजूद अप्रैल, जुलाई, अगस्त, सितम्बर एवं दिसम्बर के महीने में बाजार से ऊंची दरों पर लोन लिया गया।
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कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में ऋणों की वसूली संतोष जनक नहीं है। इसमें सुधार की आवश्यक्ता पर जोर देते हुए ऋण वसूली बढ़ानी चाहिए। इस पूरे साल सरकार की ओर से 5100 करोड़ बाजार से उठाए गए। रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में राज्य में नगद शेष निवेश सबसे अच्छी स्थिति में था जो लगातार घटकर 2019-20 में शून्य हो गया। राज्य सरकार ने अपने सार्वजनिक निगमों में निवेश के लिए 2033 करोड़ से अधिक का लोन लिया है। लेकिन वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार को निगमों से कोई लाभ नहीं मिल पाया। कैग ने इस पर आपत्ति लगाई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अधिक तो स्वास्थ्य के क्षेत्र पर कम खर्च किया। रिपोर्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग में विभिन्न प्रभागों में 886 करोड़ की 210 परियोजनाएं लम्बित थी। परियोजनाओं के समय पर पूरा न होने से विकास योजनाओं पर प्रभाव पड़ने के साथ ही अन्य योजनाओं पर भी फोकस नहीं हो पाता।
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