खबर सच है संवाददाता
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल नगर पालिका के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें शहर की पार्किंग और ब्रिज टोल टैक्स के ठेकेदारों के कार्यकाल को 20 प्रतिशत धनराशि बढ़ाकर एक वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया गया था। न्यायमूर्ति शरद शर्मा की एकलपीठ ने तल्लीताल लेक ब्रिज टैक्स, मल्लीताल बी.डी.पाण्डे के समीप की पार्किंग, अंडा मार्किट पार्किंग और बारह पत्थर पार्किंग के मामले में आई एक याचिका में अपना आदेश सुनाया, जबकि फ्लैट्स मैदान पार्किंग को इस आदेश से बाहर रखा गया है ।
बताते चलें कि नगर पालिका में पार्किंग और चुंगी आय का बहुत अच्छा सदन माना जातक है । इसके ठेके पाने के लिए देशभर से बड़े बड़े ठेकेदार अपनी निविदाएं भेजते हैं । लेकिन कोरोना के दो वर्षों में लॉक डाउन और दूसरी समस्याओं को देखते हुए इसके ठेकव्दारों को स्थिर रखने के लिए पालिका ने ठेके की समयावधि बड़ा दी थी । इस वर्ष कोरोना कम होने और गाइडलाइन में छूट मिलने के बावजूद नगर पालिका बोर्ड और प्रबंधन ने नए ठेके न कराकर उन्हीं ठेकेदारों को पिछली बिड पर 20 प्रतिशत बढ़ाकर एक्सटेंशन दे दिया था।
मामले के अनुसार अमरोहा यू.पी.निवासी अजय कुमार ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि नगर पालिका नैनीताल ने बिना टेंडर प्रक्रिया के चुंगी और पार्किंग का ठेका मनमानी आते हुए 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को ही दे दिया है, जो नियमो के विरुद्ध है। याचिका में कहा गया है कि इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है, क्योंकि कई लोग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाकर टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग करते है। इसका सीधा फायदा सरकार को होता आया है। याचिका में कहा गया कि यह उन लोगों के अधिकारों का भी हनन है जो इसमें प्रतिभाग करना चाहते हैं। कहा गया कि नगर पालिका बोर्ड ने 25 मार्च 2022 को बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को पार्किंगों और चुंगी का ठेका दिया जाएगा। याचिका में 25 मार्च के आदेश पर रोक लगाने के साथ टेंडर प्रक्रिया करने की मांग की है। याचिका में यह भी मांग की है कि ठेका शीघ्र निरस्त किया जाय और 1 अप्रैल से एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इनसे वसूला जाय। याचिका में नगर पालिका, बीड़ी पांडे पार्किंग के ठेकेदार नरदेव शर्मा, लेक ब्रिज चुंगी के ठेकेदार उमेश मिश्रा को पक्षकार बनाया है।