खबर सच है संवाददाता
देहरादून। भाजपा नेता अजेंद्र अजय के कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा कर पहाड़ी और पूजा स्थालों में एक खास समुदाय के जमीन खरीदने पर आपत्ति के बाद अब शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर कहा है, कि ‘कुछ जगहों पर सांप्रदायिक माहौल खराब होने की आशंका है।” यह उसके संज्ञान में आया है कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में तेजी से जनसंख्या वृद्धि के कारण जनसांख्यिकीय बदलाव आया है, जिसका दुष्परिणाम कुछ समुदायों के लोगों के प्रवास के रूप में दिखना शुरू हो गया था।
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सरकार ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को समस्या के समाधान के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में शांति समितियों के गठन का आह्वान किया है। पुलिस और जिला अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित करने और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्हें उन लोगों की जिलेवार सूची तैयार करने को भी कहा गया है जो दूसरे राज्यों से आए हैं और जिनका आपराधिक इतिहास है।
बहरहाल एक तरफ उत्तराखण्ड में जनता का मूल स्थान से सुविधाओं के अभाव में लगातार पलायन और दूसरी ओर लैंड जिहाद के जरिए सांस्कृतिक राजधानी में साम्प्रदायिक उन्माद के बीज पनपना चिंता का विषय है। माना जा रहा है कि देवभूमि उत्तराखंड में अब धार्मिक स्थानों पर जमीन खरीदने पर रोक लग सकती है। हालांकि इसको लेकर अभी सरकार ने कोई फैसला तो नहीं लिया है, लेकिन राज्य सरकार ने मंथन जरूर शुरू कर दिया है।
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अब राज्य सरकार भी इस मामले में गंभीर नजर आ रही है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में धार्मिक स्थानों पर चार से पांच किमी के दायरे को धार्मिक क्षेत्र घोषित किया जा सकता है। वहीं वहां जमीन की खरीद-फरोख्त पर भी प्रतिबंध लग सकता है। प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से डेमोग्राफिक परिवर्तन और स्थानीय मूल के लोगो का अपने क्षेत्रों से पलायन करने को मजबूर होने के चलते सरकार अब जल्द ही इस सिलसिले में कोई ठोस रणनीति बनाना चाहती है। शासन ने डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं। डीजीपी ने भी सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में जनपद स्तरीय एक समिति गठित की जाए। समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन किया जाए और समय–समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित की जाएं। डीजीपी अशोक कुमार ने ये भी निर्देश दिए हैं कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा ऐसे लोगों की सूची बनाने के भी निर्देश हैं जो अन्य राज्यों से आकर यहां बस गए हैं और उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। निर्देश तो ये भी दिया गया है कि जिले निवास कर रहे विदेश मूल के उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिन्होंने धोखे से भारतीय वोटर कार्ड और पहचान पत्र बनवाए हैं।
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